उदयपुर। अखिल भारतीय समन्वित मशरूम अनुसन्धान परियोजना, अनुसन्धान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वधान में अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टी.एस.पी) एवं अनुसूचित जाति उपयोजना (एस.सी.एस.पी) के अंतरगत पंचायत समिति कोटड़ा के 10-15 गावो के कुल 60 से 80 किसानो एवं महिलाओ ने एक दिवसीय, दो मशरुम प्रशिक्षणों में भाग लिया | राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री बाबूलाल जी खराड़ी ने भी मशरुम प्रशिक्षण का अवलोकन किया तथा बताया की व्यक्तियों के स्वास्थय एवं अतिरिक्त आमदनी बढ़ाने हेतु मशरुम की खेती को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक मशरुम प्रशिक्षणो को सम्पन करने पर जोर दिया | प्रशिक्षण में परियोजना प्रभारी डॉ. नारायण लाल मीना ने किसानो, महिलाओ एवं बच्चो के अच्छे स्वास्थय एवं किसानो की आय को दुगुना करने के लिए खेती के साथ-साथ फसल के सह उत्पादों का उपयोग करके अतिरिक्त आमदनी बढ़ाने हेतु मशरुम के पोषणीय ,औषधीय महत्व ,ढींगरी तथा दूधछाता मशरुम की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसमे किसानो एवं महिलाओ ने पहली बार मशरुम के प्रदर्शन देखकर मशरुम को उगाकर खाने की जिज्ञासा जाहिर की तथा श्री कमलेश चरपोटा कृषि पर्येवेक्षक ने राजस्थान सरकार की अनुसूचित जाति एवं जनजाति की कृषि से सम्बंधित जनकल्याणकारी योजनाओ के बारे में जानकारी दी | श्री अविनाश कुमार नागदा एवं किशन सिंह राजपूत ने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षणर्थीयो को मशरूम की प्रायोगिक जानकारी दी | प्रशिक्षण के अंत में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के कुल 60 प्रशिक्षणर्थीयो को मशरुम की खेती से सम्बंधित सामग्री वितरित की गई |
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री बाबूलाल जी खराड़ी ने कोटड़ा में मशरुम प्रशिक्षण का अवलोकन किया
