उदयपुर | गणेश चतुर्थी के अवसर पर उदयपुर स्थित प्राचीन बोहरा गणेशजी मंदिर में बुधवार को हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। अलसुबह 4 बजे से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई, जो एक किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक फैली रही। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गईं, वहीं मंदिर परिसर के बाहर मेले जैसा माहौल रहा, जहां पूजन सामग्री और सजावटी वस्तुओं की दुकानें सजाई गईं।
मंदिर पुजारी परिवार के पंडित हितेष जोशी ने बताया कि वर्ष में एक बार इसी दिन मंदिर की ध्वजा बदली जाती है। इस मौके पर भगवान गणेशजी को चांदी जड़ित पोशाक पहनाई गई और करीब 21 से 25 किलो स्वर्ण आभूषणों से विशेष शृंगार किया गया। पूरे परिसर को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। पहली महाआरती दोपहर 12:15 बजे और शाम की महाआरती 7:15 बजे होगी, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
भक्तों का मानना है कि बोहरा गणेशजी के दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। परंपरा के अनुसार, जरूरतमंद लोग यहां अर्जी लगाकर जाते हैं और उनकी कामना पूरी होती है। यही कारण है कि इस मंदिर को बोहरा गणेशजी नाम से जाना जाता है।
इसी के साथ शहर के जाड़ा गणेशजी, पाला गणेशजी और दुधिया गणेशजी मंदिरों में भी भारी भीड़ रही। बापू बाजार और धानमंडी में विशाल गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गईं, जिन्हें क्रमशः “उदयपुर का राजा” और “मन्नत वाले राजा” नाम दिया गया है। शहर के विभिन्न हिस्सों में सजाए गए पंडाल भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
