उदयपुर, 08 नवम्बर। नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ का जनसम्पर्क अभियान बुधवार को और परवान पर चढ़ा। एक ओर उन्होंने आमजन से उनकी समस्याएं जानीं, तो दूसरी ओर दीपोत्सव को लेकर शुभकामनाएं भी दीं। मेवाड़ ने विभिन्न गांवों में समाजों के बीच आयोजित बैठकों में कहा कि नाथद्वारा विधानसभा में जनसम्पर्क के दौरान सामने आया है कि कांग्रेस सरकार में जनता की सुध लेने की चिंता किसी को नहीं थी, उन्होंने कहा कि वे नाथद्वारा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि मेवाड़ की जनता के लिए हर वक्त उपलब्ध रहेंगे। जनता उनका परिवार है।
विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपने जनसम्पर्क अभियान का शुभारंभ पीपली डोडियान में चारभुजा नाथ मंदिर में दर्शन के साथ किया। यहां उनके सान्निध्य में कमलेश ढोली, राधेश्याम ढोली, सत्यनारायण ढोली, पूरण रेगर, अनिल ढोली, विष्णु ढोली, पवन ढोली, अमरा गाडरी, शंकर बाकर, हीरालाल मेघवाल, भगवान लाल गमेती, रमेश प्रजापत आदि ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता रत्न सिंह चुंडावत, मांगीलाल अहीर, कैलाश अहीर, शंभू लाल अहीर, प्रकाश अहीर, दिनेश अहीर, देवीलाल साहू, सुरेश अहीर साथ थे।
बनेडिया में जनसम्पर्क के दौरान राम लाल सोनी, रमेश चंद्र टांक, प्रभु लाल भील, भवानी शंकर शर्मा, शंकर अहीर वरिष्ठ कार्यकर्ता साथ रहे। आंजणा में गतिलिया बावजी भेरू नाथ मंदिर में भी मेवाड़ ने दर्शन किए। आंजणा में मेवाड़ का जोशीला स्वागत किया गया। वहां मेवाड़ ने भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष बोथमल जात के घर भोजन किया। रेलमंगरा मंडल के सांसेरा में जनसंपर्क के दौरान जलदेवी माता जी के मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
सम्मान और प्रतिसम्मान : भारतीय संस्कृति सिखाती है कि जब कोई आपका सम्मानपूर्वक अभिवादन करता है तब आप भी सम्मानपूर्वक प्रत्युत्तर में अभिवादन करें। बुधवार को एक गांव में ऐसा ही दृष्य बन पड़ा जब नाथद्वारा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ वहां जनसम्पर्क के लिए पहुंचे। महिलाओं ने मेवाड़ की संस्कृति और परम्परानुसार घूंघट में विश्वराज सिंह मेवाड़ का अभिवादन किया, उसी के प्रत्युत्तर में मेवाड़ ने भी सभी का अभिवादन स्वीकारते हुए सभी को अभिवादन किया। देखने वालों ने यही कहा कि अतिथि अभिवादन की मर्यादापूर्ण मेवाड़ी परम्परा आज भी सहेजी हुई है।