पंचायती नोहरे में मनाया भूधर महाराज जयंती,निर्वाण एवं वरूणमुनि का जन्मोत्सव

उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की और से सिन्धी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज के सानिध्य में युगप्रधान आचार्य सम्राट भूधर महाराज की 368 वीं जयंती एवं निर्वाण महोत्सव, डॉक्टर वरुण मुनि जी का 36 वां जन्मदिवस एवं छठी दीक्षा जयन्ती महोत्सव के साथ ही विजयदशमी का पर्व मनाया गया। इस दौरान श्रमण संघ के कई श्रावक श्राविकाओं के साथ ही देश भर से आए श्रद्धालु उपस्थित थे।
इस अवसर पर धर्मसभा में सुकनमुनि महाराज ने कहा कि युग प्रधान आचार्य सम्राट भूधर महाराज अपनी दृढ शक्ति, धर्मनिष्ठ, तपोनिष्ठ एवं अपने वचन के पक्के थे। उन्होंने अपने जीवन काल में हमेशा धर्म को सर्वाेपरि रखते हुए हमेशा इसे आगे बढ़ने का काम किया। उन्होंने ऐसे ऐसे संकट काल में धर्म की रक्षा की जो हम सभी के लिए प्रेरणादाई है। अगर हम उनके जीवन से थोड़ी बहुत ही प्रेरणा ले ले तो हमारा जीवन सफल हो सकता है। उन्होंने आजीवन क्षमा समता और अहिंसा की साधना करते हुए अपने कर्मों को आगे बढ़ाया और स्वयं का भी कल्याण किया। वह हमेशा समतावान, क्षमा वान और धैर्य वान रहे। उनकी साधना और तप का जीवन हमेशा ही लोगों के लिए प्रेरणादाई रहा हैं और हमेशा रहेगा।
डॉ वरुण मुनि के जन्मदिन एवं उनकी दीक्षा जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए अमृत मुनि महाराज ने कहा कि बाल्यकाल से ही इनमें विलक्षण प्रतिभा थी। बाल्यकाल में ही इन्होंने वैराग्य धारण करने का मन बना लिया। दीक्षा लेने के बाद लगातार संयम और साधना के पथ पर अग्रसर है। हमेशा पढ़ना लिखना और सीखना इनकी आदत है। अपने ज्ञान से लगातार यह श्रमण संघ को लाभान्वित कर रहे हैं। यह बाल्यकाल से ही धर्मनिष्ट, एवं  तपोनिष्ठ रहे हैं। इनकी साधना अनवरत जारी है। भगवान महावीर की वाणी के सच्चे उपासक, आगम के ज्ञाता एवं कई सूत्रों का वाचन करने में यह माहिर है। धर्म संघ को वरुण मुनि जैसा ज्ञानवान और समतावान मिलना सौभाग्य की बात है।
इस अवसर पर अमृत मुनि ने भी युग प्रधान आचार्य सम्राट भूधर जी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे आचार्याे का मिलना दुर्लभ होता है। सभी संतो ने उपस्थित श्रावक श्रावाकाओ को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए जीवन में हमेशा बुरे कार्यों को छोड़कर अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दी।
धर्मसभा में अखिलेश मुनि ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि चातुर्मास काल से ही णमोकार महामंत्र की धर्म आराधना निरंतर जारी है। मंगलवार वार को बाहर से आए अतिथियों का धर्म सभा में स्वागत अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!