उदयपुर, 14 जुलाई। स्क्रब टाइफस रोग बचाव एवं उपचार विषय पर राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर में संगोष्ठी आयोजित की गई। संस्थान के डिप्लोमा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि मानसुन के मौसम में मक्खी, मच्छर एवं बाह्य परजीवी बहुतायत में फैल जाते हैं विशेष तोर से पशुगृह, चारागाह गार्डन एवं नमी वाले क्षेत्र में वहां उपस्थित चिगर माईट के काटने से मनुष्यों में स्क्रब टाइफस रोग फैल जाता है। यह एक पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला जुनोसिस रोग है। इससे मनुष्यों में तेज बुखार, सिर दर्द, मांस पेशियों में दर्द, खांसी एवं त्वचा पर चकते हो जाते है।ं संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगारी ने कहा कि इस रोग को समय पर नहीं रोका गया तो पेट दर्द, उल्टी, एन्सेफेलाइटीस जैसे घातक लक्षण पाए जा सकते हैं। संस्थान के डॉ. पदमा मील ने कहा कि इस रोग की रोकथाम ज्यादा महत्वपूर्ण है। रोकथाम के लिये सुरक्षात्मक कपडें पहनें। जहां मक्खी, मच्छर, बाह्य परजीवी पनप सकते है वहां बाह्य परजीवी नाशक दवा का छिडकाव करें। डॉ. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि खुले मैदान एवं घास पर सोने से बचें एवं रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त नजदीकी अस्पताल पहुंच कर चिकित्सा करवाएं। इस रोग की चिकित्सा से बचाव बेहतर है। अतः अपने आस पास के क्षेत्रों में बाह्य परजीवियों को नहीं पनपने देवें। डॉ. छंगाणी ने पशुपालन डिप्लोमा विद्यार्थियों से अपने अपने क्षेत्र में इस रोग से बचाव का व्यापक प्रचार प्रसार करने का आह्वान किया।
पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला स्क्रब टाइफस जैसे घातक रोग से रहें सावधान
