-बीएपी विधायक थावरचंद द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों पर दी प्रतिक्रिया
-चर्च सहित कट्टरपंथी लोगों से मिले हुए हैं बीएपी नेता, -आदिवासी समाज समझ गया है इनका षड्यंत्र
उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने खुला आरोप लगाते हुए कहा कि बीएपी के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए समाज में विखंडन पैदा करने, युवाओं में भटकाव और अलगाववाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको आदिवासी समाज के लोग समझ रहे हैं और आने वाले वक्त में इसका जवाब भी देंगे।
सांसद डॉ रावत ने बीएपी नेता व धरियावाद विधायक थावरचंद द्वारा हाल में उनके खिलाफ आपत्तिजनक, अनैतिक व अश्लील भाषा में दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विगत कुछ समय में आदिवासी समाज में कुछ बाते जानबूझ कर और दबाव डाल कर पनपाई जा रही है, जिसको कैथोलिक चर्च ऑफ रांची का भी समर्थन है। ये लोग जो एक अलग धर्म कोड की मांग करते हैं। नेहरू मित्र पादरी वेरियर एलविन की बयानों का प्रचार करते हैं। बीएपी वाले संस्कृति विनाशक है जो विराट हिन्दू समाज में महादेव की संतति आदिवासी समाज पर आक्रमण करते हैं।
सांसद डॉ रावत ने कहा कि ये वह लोग है जिन्होंने काकरी डूंगरी कांड में दो निर्दोष आदिवासी युवाओं की हत्या करवा दी थी। ये लोग दिन रात एक ही काम करते हैं कि समाज की जो सज्जन शक्ति है, अच्छाई है, मिलजुल कर रहने का जो भाव है उसको तोडने की कोशिश करते हैं। चोरासी से कुछ लोगों ने बताया है कि बीएपी के नेता कट्टरपंथी लोगों के संपर्क में भी है और उनकी बातों को मानते हैं और उनसे पैसा लेकर हिन्दू समाज को ही गाली देते हैं। ये इनकी पुरानी परपंरा है जिसको ये लोग विस्तारित कर रहे हैं।
सांसद डॉ रावत ने कहा कि समाज नैतिक मूल्यों पर चलता है। समाज अच्छा है। सांसद रावत ने बीएपी नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि उनको इसी तरह दुकानदारी चलानी है तो यह समझ ले कि समाज खडा हो रहा है और आने वाला समय बीएपी के लिए खतरनाक है। समाज मौन है इसका मतलब यह नहीं है कि वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।
डूंगरपुर के पीठ जिला परिषद विगत चुनाव में इनको भारी बहुत से आदिवासी समाज ने इनको हरा दिया है। इनकी अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
समाज में अशिष्टता, अनैतिकता और अलगाववाद पैदा कर रहे बीएपी के नेता: सांसद डॉ रावत
