बाबा ऐसा मंतर मार दे, मेरे हो जाए वारे न्यारे, जी रहे हैं कन्हैंया हम तुम्हारे लिए

फतह स्कूल में सजा श्री श्याम दरबार, नंदू महाराज, नरेश सैनी, बंटू भैया, महावीर अग्रवाल वासु और नीलम रस्तोगी के भजनों में डूबे भक्त
-हजारों की संख्या में आए भक्त, रात से भोर हो गई भजनों पर नाचते झूमते
उदयपुर। चांद की चटक चांदनी, कान्हा को यमुना पार करवाते वासुदेव, आशीर्वाद देते प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी और सालासर बालाजी और गौ ग्वाल के रुप भगवान कृष्ण के साथ साक्षात प्रभु खाटू श्याम के दर्शन। बाबा के दरबार का स्वरुप ऐसा कि हर कोई चकित व भावुक हो गया। श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल ट्रस्ट की ओर से फतह स्कूल में तीन दिवसीय श्री श्याम महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को बाबा के कीर्तन में भक्त ऐसे डूबे कि रात से कब भोर हो गई पता ही नहीं चला। भजन सम्राट नंदू महाराज के साथ ही गुरुग्राम के नरेश सैनी, नजफगढ के बंटू भैया दिल्ली के महावीर अग्रवाल वासु व मयूर रस्तोगी ने भजनों ने ऐसी सरिता बहाई कि हजारों की संख्या में मौजूद भक्त खाटू के दरबार में नाचते-झूमते रहे।
श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल ट्रस्ट की ओर से पिछले एक महीने से श्री श्याम महोत्सव की तैयारियां चल रही थी। निशान यात्रा व मेहंदी के बाद शनिवार को भव्य श्याम कीर्तन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आए। बाबा के दरबार में हर भक्त वीआईपी बना जिन्होंने न केवल बाबा को ज्योत पधराई, बल्कि बाबा के आशीर्वाद के रुप में हर भक्त का उपरना पहनाकर स्वागत किया गया। बाबा के दर्शन और ज्योत से पहले मंच के नीचे ही हर भक्त के हाथ गंगाजल से धुलवाकर उनके हाथ में कलावा बांधा गया और तिलक लगाया गया। इस व्यवस्था से भक्तों ने सहजता से खाटू श्याम के दर्शन किए।


कीर्तन की शुरुआत दिल्ली के महावीर अग्रवाल वासु ने गणेश वंदना से की। वासु ने कितना प्यारा है श्रृंगार कि तेरी लेउ नजर उतार कितना प्यारा है, लीला रे म्हने श्याम से मिला दे, बेगा-बेगा आओ श्याम, धन गडी धन भाग हमारा, लीले चढ श्री श्याम पधारा करो स्वागत बाबा का सहित बाबा के कई भजन सुनाए कई। भजन सम्राट नंदू महाराज ने जब अपना स्वरचित भजन कीर्तन की है रात बाबा आज थाणे आणो है से शुरुआत की तो सैंकडों की संख्या में भक्त झूम उठे और बाबा को बुलाने के लिए उनकी आंखें नम हो गई। उन्होंने तीन घंटे तक अपने भजनों से बांधे रखा। नंदू महाराज ने भर दो रे श्याम झोली भर दो, ऐसी मस्ती कहां मिलेगी, तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे, पलके ही पलके बिछाएंगे, जिस दिन मेरे बाबा घर आएंगे, दरबार अनोखा सरकार अनोखी खाटू वाले की हर बात अनोखी जैसे अपने लोकप्रिय भजन सुनाए तो भक्त बाबा के ध्यान में ही डूब गए। नंदू महाराज ने मेरे बाबा बडे दिलदार है और मिली नजरे जुडे दिल के तार है भजन से भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
गुरुग्राम से आए प्रख्यात भजन गायक नरेश सैनी ने खाटू श्याम के प्रिय भजनों से भक्तों का दिल जीत लिया। सैनी ने बाबा कृपा लुटाने लगा है, मुझको खाटू बुलाने लगा है, हारा जो भी बाबा इस जहां में दिल से लिया उसने तेरा नाम रे, कैसे भूलौना तेरा मैं एहसान सांवरे और बाबा ऐसा मंतर मार दे मेरे हो जाए वारे न्यारे भजन सुनाकर माहौल को श्याममय कर दिया। नजफगढ से आए प्रख्यात भजन गायक बंटू भैया ने खाटू का श्याम रंगीलो रे, जी रहे हैं कन्हैया तुम्हारे लिए, मुझे श्याम अपने गले से लगा लो और मांगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही जैसे मन आनंदित कर देने वाले भजन सुनाए। महोत्सव में पंडित पंकज शर्मा का भी सानिध्य मिला, लेकिन छोटा खाटू धाम से गुरु मां उषा बाईजी व गुरु उमानंदजी विमान सेवा रद्द होने के कारण नहीं आ पाए। तीन दिवसीय श्री श्याम महोत्सव में श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल ट्रस्ट के सुनील बंसल, शुभम गर्ग, कैलाश चंद्र गर्ग, सीपी बंसल, मुकेश अग्रवाल, एचके एरन, राजेश अग्रवाल, राजेश गोयल राजेंद्र भटनागर, प्रियांशु भटनागर, योगेश कुमावत, सुरेश अग्रवाल, बंसी लाल बत्रा व बालमुकुंद पित्ती, पुनीत अग्रवाल, नलिन बंसल, कृष्णकांत अग्रवाल के साथ ही महिला कार्यकर्ता बीनू गोयल, प्रीति गर्ग, मीना गर्ग, प्रतिभा भटनागर, रूपम भटनागर, स्नेह लता बंसल, रजनी भावसार व चित्रयामा अग्रवाल ने अपनी सेवाएं दी।
हजारों लोगों ने ग्रहण किया भंडारा : श्री श्याम महोत्सव में आए सभी भक्तों के लिए खुले भंडारे की व्यवस्था की गई जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। पिछले दो दिनों से भंडारे के लिए तैयारियां की जा रही थी। सभी भक्तों को भरपेट और सम्मान के साथ प्रसाद मिले ऐसी व्यवस्था मित्र मंडल द्वारा की गई।
पहली बार समुद्र की थीम पर दरबार : श्री श्याम महोत्सव के दौरान पहली बार उदयपुर में समुंद्र की थीम पर बाबा का दरबार सजाया गया, जिसके दर्शन कर भक्त भावुक हो गए। दरबार में थ्री डी सेटअप भी लगाया गया जिसमें ग्राफिक डिजाइन का पहली बार प्रयोग किया गया। बाबा का दरबार सजाने के लिए दिल्ली के नवीन कसेरा और इनकी टीम कई दिनों से उदयपुर में थी।
फूलों से सजे बाबा, छप्पन भोग धराया गया : रात्रि 8.00 बजे कण्डे, धूप, दीप से स्वप्रज्जवलित अखण्ड ज्योत एवं श्याम स्तुति महाआरती से संध्या का शुभारंभ हुआ। साथ ही गणपति, बालाजी एवं प्रभु श्याम को छप्पन भोग धराया गया। जिसमें कई प्रकार के फल फ्रूट, डृाय फ्रूट, मिठाईया,  नमकीन के साथ प्रभु के प्रिय भोजन सवामणी चूरमा, मक्खन, केसर दुध, खीर, पंचामृत, पान बीडा, खोपरा-नारीयल, सभी प्रकार के सूखे मेवे, ताजा मौसमी फल, छप्पन प्रकार के मिष्ठान एवं व्यंजनो का छप्पन-भोग महाप्रसाद दरबार में सजाया गया। आदि के भोग शामिल रहे। बाबा का दिल्ली और कोलकोता से आए फूलों से श्रृंगार किया गया।
पूजा के बाद स्थापित किया गया शीश : श्याम दरबार में इस बार दिल्ली श्याम दरबार से बाबा का शीश भव्य रूप से उदयपुर लाया गया। यहां सुनिल बंसल-स्नेहलता बंसल द्वारा सुबह उनकी पूजा-अर्चना के साथ आगवानी की गई। प्रभु का शीश ढोल नगाडों के साथ शाम को श्याम दरबार में स्थापित किया गया। उनका रजत स्वर्णाभुषणों हीरे-मोती-माणिक्य आदि नवरत्नों से श्रृंगार किया गया।
इत्र एवं गुलाब पंखुडियों की वर्षा : प्रभु के दरबार के समक्ष, भजन गायको एवं उपस्थित भक्तजनों पर अनवरत-अविराम गुलाब की पंखुडियों एवं अनेक व्यक्तियों द्वारा स्प्रींकलर से मुम्बई, अजमेर एवं ब्यावर से लाये गये इत्र एवं सुगन्धित दिव्य पदार्थाे की वर्षा की गई।
चरण पादुका हेतु लगे स्टॉल : श्याम भजन संध्या रीत अनुसार आगन्तुक सभी भक्त जनों द्वारा पाण्डाल में जुते-मौजे, बेल्ट, चरण पादुकाए, खोलकर जाने हेतु चरणपादुका कक्ष लगाया गया। इस हेतु नई दिल्ली से अपनी अद्भुद अमुल्य एवं अविस्मरणीय सेवाए देने हेतु ’’सावरिया सेठ के चरण चाकर’’ के 15 से भी अधिक श्याम भक्त उदयपुर आए।

By Udaipurviews

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