उदयपुर 1 अक्टूबर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट के तत्वावधान में आयोजित स्थानीय एवं लोककला आधारित प्रशिक्षण के दूसरे दिन मंगलवार को विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया। डाइट प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी के अनुसार संस्थान के कार्यानुभव प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश चंद्र कुमावत के निर्देशन में स्थानीय लोक कला से संबंधित विभिन्न प्रकार की कलात्मक सामग्री का निर्माण करवाया गया। साथ ही अनुपयोगी सामग्री से उपयोगी सामग्री, कलाकृति, चार्ट, पोस्टर, मांडना आदि का प्रायोगिक अभ्यास किया गया। लोक नृत्य गवरी के सभी पात्रों व कथानको के बारे में भी चर्चा की गई। इस अवसर पर खुशवेंद्र अधिकारी द्वारा 21वीं सदी में कला शिक्षा एवं लोककला, क्राफ्ट, खिलौने की भूमिका पर चर्चा तथा दुर्गा शर्मा व नरेंद्र वर्मा द्वारा प्रदर्शनकारी कला लोकगीत, लोकनृत्य, लोक नाट्य, लोक वाद्ययन्त्र परिचय चर्चा एवं सामुहिक प्रायोगिक कार्य कराए जबकि संदर्भ व्यक्ति मांगीलाल सुथार द्वारा चित्रात्मक विधा के तहत मॉडना,भित्ति चित्रण, कॉलेज, छापांकन परिचय आदि प्रायोगिक कार्य करवाए गए।
इस दौरान चेतन औदिच्य ने प्रदर्शनकारी कला लोक संगीत, लोक नाट्य, लोक वाद्ययन्त्र के प्रकार एवं शिक्षण कार्य में लोक कला के शिल्प कठपुतलियों, अंगुल पुतली, छड़ पुतली, छाया पुतली, मुखौटे, छापांकन विधा आदि कार्य संपादित करवाए। साथ ही दृश्यकला के तहत फड़ कला, कॉलाज ,मॉडना, भित्ति चित्रण विधा आधारित प्रायोगिक कार्य भी करवाए। दोनो दिनों की गतिविधियों के दौरान सामूहिक चर्चा भी आयोजित की गई जिसमे संभागियों में से डॉ. मुकेश चौबीसा,ऋतु चंदानी,रेखा मेघवाल,,भूमिका चौबीसा, सरोज खींची,राकेश भट्ट,जय प्रकाश माली, ललित वर्मा तथा पीरामल फाउंडेशन प्रतिनिधि अर्चना कुमारी ने भाग लिया।