आलोक संस्थान एवं आलोक इंटरेक्ट क्लब द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस पर नगर के छह प्रमुख चौराहों पर रंगोली सजाकर दिया गया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

उदयपुर, 22 अप्रैल! विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आलोक संस्थान एवं आलोक इंटरेक्ट क्लब, आलोक नेचर स्कूल तितरडी, आलोक हिरणमगरी, आलोक पंचवटी, आलोक फतेहपुरा द्वारा शहर के छह प्रमुख चौराहों पर एक साथ भव्य रंगोली सजाकर जनमानस को पर्यावरण जागरूकता का सशक्त संदेश दिया गया। इस आयोजन का उद्देश्य था—ओजोन परत में हो रहे छिद्र और पृथ्वी के बढ़ते तापमान के प्रति आम जनता को संवेदनशील बनाना। मुख्य अतिथि आलोक संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत थे!

फतेहसागर एवं फतेहपुरा चौराहे पर आलोक इंटरेक्ट क्लब फतेहपुरा द्वारा आकर्षक रंगोली सजाई गई और “पृथ्वी को बचाएं, पेड़ लगाएं” जैसे नारे लगाकर नागरिकों को जागरूक किया गया। सूरजपोल चौराहे पर आलोक हिरणमगरी द्वारा सजाई गई रंगोली में पृथ्वी को दोनों हाथों से सहेजते हुए भावनात्मक चित्रण किया गया। चेतक सर्कल पर आलोक पंचवटी द्वारा रंगोली के माध्यम से हरित क्रांति और वृक्षारोपण का संदेश दिया गया। शिक्षा भवन चौराहा पर रंग-बिरंगी रंगोली के माध्यम से युवाओं ने धरती मां को नमन करते हुए संरक्षण का आह्वान किया। तितरडी ग्राउंड में आलोक वर्ल्ड नेचर स्कूल के नन्हें छात्रों ने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में रंगोली सजाकर प्रकृति प्रेम को दर्शाया।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप कुमावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि – “ओजोन परत में हो रहा छिद्र केवल वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता का विषय नहीं, अपितु प्रत्येक नागरिक की चेतना का भाग होना चाहिए। जिस प्रकार हम मतदान को अधिकार और कर्तव्य समझते हैं, उसी प्रकार वृक्षारोपण को भी नागरिक कर्तव्य से जोड़ा जाना चाहिए। पेड़ों की कटाई, जल का दुरुपयोग, वाहनों एवं एयर कंडीशन का अत्यधिक प्रयोग, पृथ्वी के तापमान को प्रतिदिन बढ़ा रहा है। यदि आज भी हम नहीं चेते तो आने वाला समय जीवन के लिए कठिन बन जाएगा।”
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षा के साथ वृक्षारोपण को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए और सरकार व समाज मिलकर ऐसे नागरिकों को प्रोत्साहन दें जो अधिकाधिक वृक्षारोपण करें।
इस अवसर पर नगरवासियों में भी विशेष उत्साह देखा गया। जगह-जगह लोगों ने रंगोलियों की सराहना की और बच्चों के प्रयासों की प्रशंसा की। रंगोली के माध्यम से बच्चों ने न केवल सौंदर्य प्रस्तुत किया, बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और उत्तरदायित्व की भावना भी अभिव्यक्त की। अंत में सभी प्रतिभागियों को आलोक संस्थान की ओर से ‘पृथ्वी मित्र’ प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

By Udaipurviews

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