उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञानं महाविद्यालय में 3 दिसंबर 2024 को कृषि शिक्षा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एस एल मेहता, पूर्व कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं पूर्व महानिदेशक कृषि शिक्षा, आईसीएआर, नई दिल्ली ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति और केंद्रीय कृषि मंत्री डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती एवं कृषि विकास में उनके योगदान का सम्मानित करने के लिए आज का दिन कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन को मनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को कृषि के विभिन्न क्षेत्रों और देश के विकास में इसके महत्व से अवगत कराना है। उन्होंने कृषि और संबद्ध विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला तथा इस बात पर जोर दिया कि कृषि शिक्षा में विद्यार्थियों को सफलता के लिए कौशल विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों से कृषि शिक्षा से जुड़कर देश के आर्थिक विकास में योगदान का आह्वान किया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के महत्व को विद्यार्थियों के साथ साझा किया तथा छात्रों को कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कृषि, डेयरी, कृषि प्रौद्योगिकी , मात्स्यिकी एवं सामुदायिक विज्ञान में उच्च शिक्षा के साथ स्वरोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध हे । महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ धृति सोलंकी ने अपने स्वागत उदबोधन में बताया की इस कार्यक्रम में उदयपुर शहर के विभिन्न विद्यालयों से 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का सचालन डॉ विशाखा बंसल ने किया तथा डॉ सरला लखावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कृषि शिक्षा दिवस दिवस मनाया
