राज्य स्तरीय आदि कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ
25 जिलों के चयनित डिस्ट्रिक्ट मास्टर टेनर्स ने रहे भाग
उदयपुर, 25 अगस्त। विकसित भारत की परिकल्पना में जनजातीय वर्ग कीसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभ किए गए धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आदि कर्मयोगी राज्य स्तरीय कार्यशाला सोमवार से होटल ताज अरावली में प्रारंभ हुई। कार्यशाला का शुभारंभ जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कुंजीलाल मीणा तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के संयुक्त सचिव अमित निर्मल के आतिथ्य में हुआ। टीएडी आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी, अतिरिक्त आयुक्त ओपी जैन तथा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अनुराग भटनागर भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एसीएस श्री मीणा ने कहा किप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक राजकीय कर्मचारी के लिए कर्मयोगी शब्द का उपयोग करते हुए उन्हें जनहित के कार्यों के लिए समर्पित भाव से संलग्न रहने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत 2047 की परिकल्पना की। इसे साकार करने में प्रत्येक वर्ग का योगदान अपेक्षित है। विकसित भारत में जनजातीय समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ किया गया। इसी अभियान के तहत आदि कर्मयोगी – एक उत्तरदायी शासन प्रणाली कार्यक्रम लागू किया गया है।
श्री मीणा ने कहा कि धरती आबा अभियान में राजस्थान के जनजातीय बहुल 6019 गांव शामिल हैं। प्रत्येक जनजातीय बहुल गांव में 20 ‘आदि कर्मयोगी‘ के रूप में चयन कर उनसे ‘‘आदि सहयोगी‘‘ एवं ‘‘आदि साथी‘‘ के रूप में कार्य करवाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार के 8 मास्टर ट्रेनर्स को पुणे स्थित प्रोसेस लैब में एक सप्ताह का प्रशिक्षण 11 से 17 अगस्त 2025 तक दिया गया है। अगली कड़ी में सोमवार से उदयपुर में 25 जिलों से चयनित डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर्स (डीएमटी) का चार दिवसीय प्रशिक्षण स्टेट प्रोसेस लेब के रूप में प्रारंभ हुआ।
उन्होंने सभी संभागियों का आह्वान करते हुए कहा कि चयनित डीएमटी आदि कर्मयोगी का पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त कर आदिवासी समाज के उत्थान में अपनी महती भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला को प्रोसेस लैब इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें हर कार्य की प्रक्रिया समझाई जाएगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अजजा आयोग के संयुक्त सचिव श्री निर्मल ने कहा कि कुछ भी नया सीखने के लिए सर्वप्रथम स्वयं को खाली करना होता है। आदि कर्मयोगी के लिए चयनित व्यक्ति अलग-अलग विभागों से हैं, इसलिए सर्वप्रथम तो यह भाव मन से निकाल दें कि हमें सब आता है। स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करें और ग्रहण करने की इच्छा शक्ति को जागृत करें।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में बताई जा रही बातों को ध्यान से सुनकर ग्रहण करें तथा अगले चरण में ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित करें। अभियान के तहत जनजाति समाज के वंचित वर्ग को योजनाओं का लाभ दिलाने और मुख्य धारा में लाने के लिए डीएमटी एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेंगे, इसलिए अपने महत्व को समझते हुए गंभीरता से कार्य करें।
टीएडी आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण का लाभ उठाने और क्षेत्र में जाकर जनजाति समाज के उत्थान में सक्रिय सहयोगी बनने का आह्वान किया। अतिरिक्त आयुक्त श्री जैन ने भी विचार व्यक्त किए।
नोडल अधिकारी श्री भटनागर ने बताया कि प्रशिक्षण 25 अगस्त से 28 अगस्त 2025 तक चलेगा। इसमें बीआरएलएफ (भारत रूरल लाइवलीहुड फाउडेशन) एवं स्टेट मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा। वे अपने-अपने जिलों में ब्लॉक मार्स्ट्स ट्रेनर्स को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देकर आदि सहयोगी व आदि साथी चयनित कर उन्हें प्रशिक्षित कर ‘‘आदि कर्मयोगी एक उत्तरदायी शासन प्रणाली कार्यक्रम‘‘ हेतु तैयार करेंगे। इससे जनजाति समुदाय के लोगों को उनके कल्याण की योजनाओं का लाभ देने हेतु सैच्यूरेट किया जाएगा ताकि कोई भी पात्र परिवार वंचित नहीं रहे। कार्यशाला में बीआरएलएफ से जानकी सहित राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स तथा विभिन्न जिलों से आए चयनित संभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान अलग-अलग सत्रों में अधिकारियों तथा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स ने विषय वस्तु आधारित प्रशिक्षण दिया।