– जैन ध्वज हाथों में लिए मेवाड़ वासियों ने की आचार्य संघ की अगवानी
– प्रेक्षा विश्व भारती कोबा अहमदाबाद से आचार्य महाश्रमण का हुआ मंगल विहार
उदयपुर, 6 नवंबर। स्वामी विवेकानंद के चरेवेति चरेवेति सिद्धांत को साकार करते हुए तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री ने परंपरा अनुसार मृगसर माह की एकम को प्रेक्षा विश्व भारती कोबा अहमदाबाद से हजारों श्रावकों की नम आंखों के मध्य प्रात:कालीन वेला में मंगल विहार का शुभारंभ किया। मंगल विहार में मेवाड़ कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत सबसे आगे जैन ध्वज लेकर दो दो की पंक्ति में हजारों श्रावक श्राविकाओं की शोभायात्रा निकली। लम्बे-लम्बे डग भरते हुए आचार्य महाश्रमण के नेतृत्व में विशाल शोभायात्रा अगले पड़ाव विश्व मैत्री धाम गांधीनगर पहुंची।
शोभायात्रा में संस्था शिरोमणि तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, अहमदाबाद प्रवास चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष अरविंद संचेती, महासभा पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, मेवाड़ कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष भूपेंद्र चोरडिय़ा, पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कच्छारा,महामंत्री बलवंत रांका, कोषाध्यक्ष कमलेश कच्छारा सहित तेरापंथ धर्मसंघ की कई विशिष्ट श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।
आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जन समुदाय को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि संतो का विचरण होता है उससे भी जन कल्याण का काम हो सकता है। संतो के दर्शन और सेवा से चेतना में आध्यात्म का विकास हो सकता है।जीवन में सद्गुणों का विकास कर सके उसके लिए संतो का सान्निध्य और प्रेरणा आवश्यक है। हमें बड़े ही पुण्य से मनुष्य जीवन मिला है हम इसे अध्यात्म चेतना से अलंकृत करे।
यह एक संयोग ही है कि वर्ष 2023 की अक्षय तृतीया के लिए विश्व मैत्री धाम से प्रेक्षा विश्व भारती कोबा में प्रवेश हुआ था और आज चातुर्मास सम्पन्नता से के बाद प्रेक्षा विश्व भारती कोबा से पहला विहार विश्व मैत्री धाम में हुआ है। इस पवित्र स्थान के कार्यकर्ता सरल और मधुरभाषी है। वे भी अपने जीवन में आध्यात्मिक विकास करे। अंत में उपस्थित श्रावक समाज को मंगल पाठ का श्रवण करवाया। आचार्य श्री महाश्रमण कल 7 नवम्बर को प्रात: विश्व मैत्री धाम से लगभग 13 किलोमीटर का विहार कर जैन तीर्थ स्थल लब्धि धाम पहुंचेगी।
हजारों श्रावक-श्राविकाओं के जयकारों के साथ मेवाड़ यात्रा को निकली आचार्य महाश्रमण की धवल वाहिनी
