ई-बुक अभय बचपन की वर्चुअल लॉन्चिंग
उदयपुर, 5 अगस्त। बच्चों के मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर उदयपुर की डॉ रत्ना सिसोदिया लिखित ई-बुक अभय बचपन की वर्चुअल लॉचिंग सोमवार को राज्य मानवाधिकार आयोग सदस्य जस्टिस रामचंद्रसिंह झाला के विशिष्ट आतिथ्य में हुई।
आईसीएलएपी फाउंडेशन की ओर से वर्चुअल प्लेटफार्म जूम पर आयोजित लॉचिंग सेरेमरी को संबोधित करते हुए जस्टिस झाला ने कहा कि भारत जैसे देशों में बाल मानवाधिकारों को लेकर कार्य की बहुत गुजाइंश है। आज भी दुनिया भर में हजारों-लाखों बच्चों के मानवाधिकारों का हनन होता है। पुस्तक अभय बचपन बच्चों के इन्हीं अधिकारों की पैरवी के लिए बुलंद आवाज सिद्ध होगी।
उल्लेखनीय है कि डॉ. रत्ना सिसोदिया द्वारा लिखित पुस्तक “अभय बचपन का उद्देश्य बच्चों के लिए एक अधिक न्यायपूर्ण और सुरक्षित दुनिया की दिशा में संवाद और कार्रवाई को प्रेरित करना है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए संपादकीय टीम में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं। इटली से प्रो. (डॉ.) एंजेलो विगलियनिसी फेरारो, अर्जेंटीना से प्रो. (डॉ.) पाब्लो राफेल बांचियो, भारत से डॉ. रचना चौधरी और सुरेंद्र सिंह भाटी ने इस पुस्तक के संपादन में सहयोग किया है। वहीं पुस्तक को ब्राज़ील से प्रो. (डॉ.) हैदे मारिया हुप्फर, भारत से डॉ. ममता राठौड, दिव्यराज सिंह झाला और ब्राज़ील से गेब्रियल सेमिन पेट्री का भी सहयोग प्राप्त हुआ है। इसकी विश्वसनीयता और गहराई को बढ़ाने के लिए, इसका प्राक्कथन राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के जस्टिस रामचंद्रसिंह झाला द्वारा लिखा गया है। “अभय बचपन भारत, अर्जेंटीना, इटली, ब्राजील और दुबई में प्रकाशित की गई है, जो इसके वैश्विक महत्व और बच्चों के अधिकारों की वकालत की सार्वभौमिक आवश्यकता को दर्शाता है।