व्यक्ति अपने भावों के अनुसार ही कर्म बंध करता है : उपाध्याय शुभमसागर

 (प्रतीक जैन)
प्रातः कस्बे में हुआ संघ का मंगल प्रवेश
खेरवाड़ा, कस्बे मे उपाध्याय शुभमसागर ससंघ का प्रातः भव्य मंगल प्रवेश हुआ। चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनिलसागर के परम प्रभावक शिष्य उपाध्याय शुभमसागर गुरुदेव और मुनि सक्षम सागर गुरुदेव संघ का छाणी गांव से विहार कर महावीर कोलोनी के शान्तिनाथ जिनालय में दर्शन कर सदर बाजार स्थित नेमिनाथ मन्दिर में प्रवेश हुआ। संघ को गाजे बाजे के साथ मंगल गीत गाते हुए पटेल छात्रावास से नेमिनाथ मन्दिर लाया गया। मन्दिर में संघ के सानिध्य में अभिषेक और शान्तिधारा की गई। उसके बाद मुनि श्री ने उपस्थित समाज जन को मंगल प्रवचन में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने भावों के अनुसार ही कर्म बंध करता है। परिणाम जैसे करता है वैसा ही जीव हो जाता है। क्रोध रुपी परिणाम करने से जीव क्रोधी हो जाता है। लोभ रुपी परिणाम करने से लोभी हो जाता है। माया रुपी परिणाम करने से मायावी हो जाता है। शुभ परिणाम ( दया, करुणा, देव शास्र गुरु) की भक्ति करने से शुभरुप प्राप्त होता है। अंत में मुनि श्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति दिन में दो मिनट का स्वाध्याय अवश्य करें साथ ही हमेशा शुद्ध भाव रखने चाहिए। हूमड़ समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र वखारिया ने बताया कि प्रवचन में सकल दिगम्बर जैन समाज के श्रावक- श्राविकाओं ने उपस्थित रह कर धर्म लाभ प्राप्त किया।
By Udaipurviews

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