विनयवान व्यक्ति होता है सत्यवानःसुकनमुनि

उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की और से सिन्धी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने प्रातकालीन धर्म सभा में कहा कि जो विनयवान होता है वही सत्यवान होता है। बिना विनय के जीवन में सत्यता नहीं आ सकती। अगर जीवन में कुछ पाना है, कुछ करना है तो अपने अन्दर विनय की भावना होना अत्यंत आवश्यक है। अगर मन में बुरी भावना रखेंगे तो बुरे विचार आएंगे और अच्छी भावना रखेंगे तो अच्छे विचार आएंगे।
उन्हेांने कहा कि हमेशा महावीर की वाणी और गुरुओं का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए। संसार में जितने भी प्राणी है, सभी अपने मित्र हैं बंधु हैं। हमेशा सभी के साथ विनयवान बनकर रहना चाहिए। सामने वाले का व्यवहार चाहे कैसा भी हो लेकिन अपने व्यवहार में हमेशा विनयता रहनी चाहिए। विनयवान की हमेशा जीत होती है। नवकार महामंत्र के लगातार जाप और प्रभु की आराधना से जीवन में निश्चित ही विनयता भाव प्रकट होते हैं।
धर्म सभा में डॉ.वरुण मुनि ने कहा कि जो विनय को अपना लेता है उसके जीवन में चारों ओर से शांति आ जाती है। घर परिवार में जो क्लेश का वातावरण बनता है इसका कारण ही विनय का अभाव होना है। जिस घर में विनय की भावना होती है उस घर में हमेशा शांति का वास होता है। गृहस्थ जीवन में चाहे परिस्थितियां कैसी भी बने और बनती भी है, लेकिन उस दौरान हम विनय भाव के साथ उनका सामना करें तो वह परिस्थितियां अपने अनुकूल हो जाती है। जो विनयवान होता है उन्हें आयुष के साथ ही यश की प्राप्ति होती है,बिना विनय के यश की प्राप्ति होना असंभव है। जिसके जीवन में विनयता है और जो झुकना जानता है वह लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेता है। विनय वालों का हर जगह सम्मान होता है। इसलिए अपने सुखी जीवन के लिए हमारे अंदर विनय का भाव होना बहुत आवश्यक है।
धर्मसभा में अखिलेश मुनि ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि चातुर्मास काल से ही णमोकार महामंत्र की धर्म आराधना निरंतर जारी है। बुधवार को बाहर से आए अतिथियों का धर्म सभा में स्वागत अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।

By Udaipurviews

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