– आचार्य महाश्रमण की धवल वाहिनी साथ लम्बे-लम्बे डग भरते हुए गड़ाधर पहुंची
उदयपुर, 14 नवम्बर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ लम्बे-लम्बे डग भरते हुए मेवाड़ की ओर अपने चरण बढ़ा रहे है। श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 14 नवम्बर को प्रात: राजेंद्र नगर से का विहार कर गड़ाधर प्राथमिक शाला पहुंचे। आचार्य श्री महाश्रमण अहमदाबाद चातुर्मास संपन्न करके राजस्थान की तरफ अपने चरण बढ़ा रहे हैं। 6 नवंबर से 5 दिसंबर तक की एक माह की यात्रा का सम्पूर्ण दायित्व मेवाड़ कांफ्रेंस द्वारा संपादित किया जा रहा है। मेवाड़ कांफ्रेंस के अनेक कार्यकर्ता और मेवाड़ के अलग अलग क्षेत्रों के श्रावक श्राविकाये आचार्य महाश्रमण और धवल वाहिनी की मार्ग सेवा और उपासना में लगे हुए है। आचार्य महाश्रमण के विहार के दौरान मार्ग में जगह- जगह ग्रामीणों, विद्यालय के बच्चों और श्रावक-श्राविकाओं द्वारा अभिवादन किया गया। आचार्य महाश्रमण ने ग्रामीणों, एनएचएआई के कर्मचारियों को नशामुक्ति की प्रेरणा दी। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ अगला पड़ाव 15 नवम्बर को शामला जी में होगा। आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जन समुदाय को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि आज श्रमण भगवान महावीर स्वामी का दीक्षा कल्याणक दिवस है। भौतिकता के माहौल में संयम का क्रम भी चलते रहना चाहिए। इसके लिए भगवान महावीर का जीवन हमारे लिए आदर्श है। आज के युग में भौतिकता को पूरी तरह से छोडऩा तो कठिन है लेकिन धर्म रूपी कवच से पापकर्म से बचा जा सकता है। संयम अपनाने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है। महापुरुषों और साधु संतों का जीवन व्यक्ति के जीवन निर्माण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमें ज्यादा से ज्यादा धर्म लाभ लेना चाहिए। मुनि अर्हमकुमार अंग्रेजी में अपनी सारगर्भित बात रखी। गड़ाधर हाइ स्कूल के प्रधानाचार्य भरत भाई, प्राथमिक शाला गडाधर की प्रधानाचार्या माया बेन, जस्सू भाई पटेल, राजेंद्र पांचाल का साहित्य समर्पण, उपरना और स्मृति चिन्ह से अभिनंदन सुरेश कच्छारा ,धीरेन्द्र मेहता, भीखम कोठारी, ललित छाजेड़,कमलेश मेहता, विनोद मांडोत , दीपक सिंघवी, मनीषा छाजेड़, सज्जन मेहता द्वारा किया गया। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया। मार्ग सेवा में किशनलाल डागलिया, राजकुमार फत्तावत, भूपेंद्र चोरडिय़ा, कमलेश कच्छारा, दीपक सिंघवी, विनोद मांडोत,ललित छाजेड़, कमलेश मेहता,भीखम कोठारी,अशोक हिरण,वैभव चौधरी अक्षत पोरवाल आदि आचार्य महाश्रमण की मार्ग सेवा में सहभागी रहे।
महापुरुषों का जीवन व्यक्ति के जीवन निर्माण के लिए महत्वपूर्ण : आचार्य महाश्रमण
