-अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म कॉन्डे नास्ट ट्रेवलर की वर्ष 2026 की अच्छी जगहों की सूची में उदयपुर को मिली जगह
उदयपुर में है लग्ज़री होटलों से लेकर खूबसूरत झीलें तक, जो देते हैं कुछ सबसे अनोखे अनुभव
-राजेश वर्मा
उदयपुर, 13 नवम्बर: देश दुनिया में पर्यटन क्षेत्र में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म कॉन्डे नास्ट ट्रैवलर की वर्ष 2026 में घूमने की सबसे अच्छी जगहों की सूची में उदयपुर शहर अपनी जगह बना चुका है। शाही यादों से सराबोर, यह शहर वैश्विक यात्रियों के लिए एक कालातीत आकर्षण के रूप में पहचाना जाने वाला एकमात्र भारतीय शहर है। वर्ष 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय द्वारा स्थापित उदयपुर शहर, जो कभी मेवाड़ साम्राज्य की राजधानी था, पर्यटकों को भारत के शाही अतीत और समृद्ध विरासत की याद दिला सकता है।
पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि दुनिया भर से चयनित 26 देशों में भारत और फिर भारत के इतने शहरों में से एक उदयपुर का कॉन्डे नास्ट ट्रैवलर की वर्ष 2026 की सूची में स्थान मिलना बहुत गौरव की बात है। वैश्विक मीडिया कंपनी कॉन्डे नास्ट के अनुसार विरासत महलों और पिछोला व फतहसागर जैसी दर्पण जैसी झीलों के बीच बसे आलीशान होटलों से लेकर, शानदार शिल्पकला और मनभावुक लोक संगीत तक पर्यटकों को यहां से लौटने के बाद भी लंबे समय तक याद रहता है। उदयपुर शहर भारत के कुछ सबसे अनोखे अनुभव प्रदान करता है। उदयपुर के ऐतिहासिक सिटी पैलेस परिसर के रंगीन कमरों में मेवाड़ राजवंश की शाही कलाकृतियों का विशाल संग्रह है। महल के रेस्टोरेंट से शाही संरचना के आसपास की झीलों का शानदार नज़ारा दिखता है। पिछोला झील पर नाव की सवारी के दौरान ठंडी हवा का आनंद है। जादुई सूर्यास्त का नज़ारा दिखता है। तब महल शांत पानी पर सुनहरे रंगों को प्रतिबिंबित करते हैं।
सिटी पैलेस के समीप भजन सुनते हुए और जगदीश मंदिर के शांत वातावरण में डूबते हुए कुछ शांत पल बिता सकते हैं। आध्यात्मिक वातावरण और जटिल वास्तुकला इसे एक दर्शनीय स्थल बनाती है। इसी तरह महाराणा सज्जन सिंह के पूर्व शिकारगाह को 19वीं सदी के मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है जो पिचवाई कला और जटिल छतरियों से सुसज्जित होकर राजपूत युग के वैभव की झलक प्रस्तुत करता है।
वहीं माछला मगरा स्थित श्री करणी माता मंदिर और दीनदयाल उपाध्याय पार्क को जोड़ने वाली एक रोमांचक रोप-वे की सवारी भी कर सकते हैं। बागोर की हवेली में राजस्थानी लोक नृत्य, कठपुतली शो और जीवंत संगीत एक अविस्मरणीय शाम बनाते हैं।
प्रामाणिक राजस्थानी व्यंजनों का आनंद : दाल बाटी चूरमा, केर सांगरी और लाल मास जैसे स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिए बिना उदयपुर की यात्रा अधूरी है। राजस्थान के बेहतरीन स्वादों का आनंद लेने के लिए, पिछोला झील किनारे कई प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट हैं।
उदयपुर घूमने का समय अक्टूबर से मार्च तक : पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक के ठंडे महीनों के दौरान होता है, जब मौसम सुहावना और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आदर्श होता है। सर्दियों में आसमान साफ़ रहता है, जिससे पिछोला झील पर नाव की सवारी और महलों की सैर एक जादुई अनुभव बन जाती है। गर्मियाँ बेहद गर्म हो सकती हैं, जबकि मानसून यहाँ की खूबसूरती तो बढ़ाता है, लेकिन बाहरी गतिविधियों को सीमित कर सकता है।
