आवश्यकता और आकांक्षा में तालमेल से सुखी जीवन संभव : आचार्य महाश्रमण

– 20 नवंबर को ऋषभदेव में आयोजित होगा आचार्य महाश्रमण का मेवाड़ स्तरीय स्वागत समारोह
– आचार्य महाश्रमण की धवल वाहिनी पहुंची विश्व भारती एजुकेशन संस्थान राजेंद्र नगर

उदयपुर, 13 नवम्बर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ लम्बे-लम्बे डग भरते हुए मेवाड़ की ओर अपने चरण बढ़ा रहे है। श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 13 नवम्बर को प्रात: गम्भोई से का विहार कर राजेंद्र नगर विश्व भारती एजुकेशन संस्थान पहुंचे। आचार्य श्री महाश्रमण अहमदाबाद चातुर्मास संपन्न करके राजस्थान की तरफ अपने चरण बढ़ा रहे हैं। 6 नवंबर से 5 दिसंबर तक की एक माह की यात्रा का सम्पूर्ण दायित्व मेवाड़ कांफ्रेंस द्वारा संपादित किया जा रहा है। मेवाड़ कांफ्रेंस के अनेक कार्यकर्ता और मेवाड़ के अलग अलग क्षेत्रों के श्रावक श्राविकाये आचार्य महाश्रमण और धवल वाहिनी की मार्ग सेवा और उपासना  में लगे हुए है।  आचार्य महाश्रमण के विहार के दौरान मार्ग में जगह- जगह ग्रामीणों, विद्यालय के बच्चों और श्रावक-श्राविकाओं द्वारा अभिवादन किया गया। आचार्य महाश्रमण ने ग्रामीणों का नशा मुक्ति की प्रेरणा दी। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ अगला पड़ाव 14 नवम्बर को गढ़ाधर में होगा। आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जन समुदाय और विद्यालय के बच्चों को प्रेरणा देते हुए फरमाया कि मानव जीवन में हिंसात्मक प्रवृत्ति से पाप कर्मों का बंधन होता है। यह होना स्वाभाविक है। पाप कर्मों के क्षय करने का सर्वोत्तम मार्ग धर्म का मार्ग है। बचपन में दिए सद संस्कार से उसका चरित्र का निर्माण किया जा सकता है। घर के साथ साथ विद्यालय में भी इस हेतु काम किया जाना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य आत्मनिर्भर बनना तो होता ही है साथ ही आत्म कल्याण करना और सेवा भावना बढ़ाना भी होना चाहिए। आवश्यकता और आकांक्षा में तालमेल होना आवश्यक है। मोह और परिग्रह दुख का कारण है। समता और संतोष सुख का मार्ग है। मनुष्य को अपने कर्तव्य और दायित्व को जिम्मेदारी से वहन करना चाहिए। समणी भवितप्रज्ञा ने माया के संदर्भ में अंग्रेजी में अपनी सारगर्भित बात रखी।  साबरकांठा जिला कलेक्टर ललित नारायण संधू ने आचार्य महाश्रमण से प्रवचन के संदर्भ जिज्ञासा रखी जिसका आचार्य महाश्रमण ने समाधान किया।  साबरकांठा जिला कलेक्टर ललित नारायण संधू, विश्व भारती एजुकेशन संस्थान के प्रधानाचार्य प्रवीण भाई चौधरी, कॉलेज कैंपस के नियामक सुरेश भाई चौधरी, कॉलेज कैंपस के प्रशासक रमेश भाई चौधरी का का साहित्य समर्पण, उपरना और स्मृति चिन्ह से अभिनंदन धनेंद्र मेहता, रमेश सोनी, कमलेश कच्छारा, महेंद्र सिंघवी, संदीप हिंगड, कांतिलाल धाकड़, अजीत छाजेड़, अशोक चोरडिय़ा द्वारा किया गया। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।
मार्ग सेवा में किशनलाल डागलिया, राजकुमार फत्तावत, भूपेंद्र चोरडिय़ा, कमलेश कच्छारा, बलवंत रांका , सूर्यप्रकाश मेहता ,महेंद्र सिंघवी ,सुरेश चोरडिया, धनेंद्र मेहता, रमेश सोनी, कांतिलाल धाकड़, राजेश खाब्या, सुनील कोठारी, प्रेक्षा वरिष्ठ नागरिक संघ उदयपुर के मोतीलाल पोरवाल, रतन मेहनोत, अशोक लोढ़ा,महेंद्र पितलिया, राजमल चपलोत, आनंद कुमार इन्टोदिया, नरेंद्र सिंह लोढ़ा, नरेंद्र नागौरी, प्रकाश पितलिया, ताराचंद सिंघवी, मंजू चौधरी, ज्योति मेहनोत , गंगा पितलिया, पुष्पा नागौरी, हेमलता नागौरी, उषा लोढ़ा, वैभव चौधरी अक्षत पोरवाल, नमन सोनी, हर्षिल बोहरा आदि आचार्य महाश्रमण की मार्ग सेवा में सहभागी रहे।
By Udaipurviews

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