जयपुर, 8 नवंबर। राजस्थान पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि पुलिस लाइन पुलिस व्यवस्था का अभिन्न अंग है। पुलिस लाइन में न सिर्फ पुलिस कर्मी अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय बिताते हैं। ये आवश्यक हो जाता है कि हमारी पुलिस लाइन साफ सुथरी और पुलिस परिवार को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हो।
पुलिस व उनके परिवार के कल्याण पर विशेष बल: श्री शर्मा ने बैठक में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले की पुलिस लाइन में स्कूल, डिस्पेंसरी, जिम, लाइब्रेरी, कैंटीन, और मनोरंजन की आधारभूत व्यवस्था होनी चाहिए।
सभी पुलिस लाइंस में 31 दिसम्बर तक खुलेगी लाइब्रेरी : उन्होंने 31 दिसंबर तक सभी पुलिस लाइनों में लाइब्रेरी शुरु करने के निर्देश दिए। साथ ही फेमिली वेलफेयर कमेटियों के गठन और सक्रियता के बारे में जानकारी लेते हुए इन्हे सक्रिय करने के निर्देश दिए।
डीजीपी ने पुलिस लाइनों के मैस, बैरक, शौचालय, भोजन की गुणवत्ता और मनोरंजन सुविधाओं का नियमित निरीक्षण करने पर बल दिया।
बैठक में सभी प्रतिभागियों से उनके जिलों में हेल्थ चेकअप की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई व सभी को नियमित रूप से पुलिस लाइन में इस प्रकार के कैंप लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
स्वास्थ्य संबंधित सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर : इसी क्रम में मेंटल हेल्थ पर विस्तार से चर्चा की गई जिसे लेकर कार्य योजना बनाने और सभी पुलिस कर्मियों के हेल्थ चेकअप के साथ मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण पर भी बल दिया गया ।
दूर दराज के पुलिस कर्मियों को जयपुर में स्वास्थ्य संबंधी सहायता प्राप्त करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जा रहा है, ताकि अन्य जिले के पुलिस कर्मियों को भी जयपुर में सुगमतापूर्वक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
डीजीपी श्री शर्मा ने प्रत्येक पुलिस लाईन में समय समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए, ताकि पुलिस बल में आपसी सामंजस्य बढ़े तथा उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहे।
सेवानिवृत्त और दिवंगत कर्मियों के परिवारों के लिए हेल्प डेस्क/ परामर्श केंद्र और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान की प्रणाली विकसित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक अधिकारी को वेलफेयर ऑफिसर चिन्हित करने के निर्देश दिए। ये अधिकारी कर्मचारी की सेवा शर्तों से जुड़े विषयों एवं अनुकम्पा नियुक्ति जैसी प्रक्रियाओं की पूर्ति करने में मदद करेगा।
महिला पुलिस कर्मियों की समस्याओं पर विचार करते हुए उन्होंने पुलिस लाइन में महिलाओं के लिए पृथक से टॉयलेट तथा बैरक चिन्हित करने और उन्हे बेहतर कार्य दशाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
क्रेच और वोकेशनल ट्रेनिंग : महिला कर्मियों के बच्चों के लिए क्रेच व्यवस्था और महिला परिजनों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू करने के भी निर्देश दिए, ताकि परिवार आर्थिक रूप से सशक्त बन सके। इसके लिए मुख्यालय स्तर से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए भी आश्वस्त किया।
क्षमता संवर्धन : डीजीपी श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि पुलिसकर्मियों को समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से नई तकनीक, कानून और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे सेवा के प्रत्येक क्षेत्र में दक्ष और आत्मविश्वासी बन सकें। उन्होंने कर्मचारियों k व्यावसायिक और तनाव प्रबंधन प्रशिक्षण को पुलिस लाइनों में नियमित कार्यक्रम के रूप में शामिल करने तथा सभी कर्मचारियों को आई गॉट कर्मयोगी प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के निर्देश दिए।
अनुशासन : डीजीपी श्री शर्मा ने कहा कि अनुशासन ही पुलिस बल की पहचान है। प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को नियमित पीटी परेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कार्मिकों का टर्न आउट, उत्कृष्ट ड्यूटी करने वाले कर्मियों को रिवॉर्ड और सभी के लिए रोटेशन वाइज ड्यूटी की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए।
बैठक में निर्देश दिए गए कि सरकारी संपत्तियों की रखरखाव सूची तैयार कर नियमित रूप से उसका मेन्टेनेंस और मॉनिटरिंग की जाए।
कार्यालय, बैरक, शस्त्रागार, शौचालय और पुराने रिकॉर्ड के रखरखाव एवं निस्तारण की प्रक्रिया को नियमबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
कानून व्यवस्था में नियोजित बल :
डीजीपी ने कहा कि कानून व्यवस्था की ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए आवास, पेयजल, आदि मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सुपरवाइजर अधिकारी अन्य जिले में ड्यूटी के लिए भेजे जाने वाले बल के लिए संबंधित जिले से बात करके समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक, महानिरीक्षक,प्रशासन क़ानून एवं व्यवस्था, उप महानिरीक्षक कार्मिक, सहित जिलों के संचित निरीक्षक एवं हवलदार मेजर व संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
