उदयपुर से खुलेगी कृषि एवं पशुधन उद्यमिता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव की राह
एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर नेशनल कांफ्रेन्स 11 से उदयपुर में
उदयपुर, 8 नवम्बर। झीलों की नगरी उदयपुर एक और राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला की मेजबानी करने जा रही है। उदयपुर में 11 से 13 नवम्बर तक एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर नेशनल कांफ्रेन्स होगी। यह कार्यशाला ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित में सहायक होगी। तीन दिवसीय इस कार्यशाला का आयोजन राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद), ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें देशभर से विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, उद्यमी, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ और राज्य स्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे।
यह होगा कार्यशाला में
11 नवम्बर – नवाचार और दिशा
कार्यशाला का शुभारंभ 11 नवम्बर को सुबह 10 बजे दीप प्रज्वलन से होगा। उद्घाटन सत्र में ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान के मंत्री श्री डॉ० किरोड़ी लाल मीणा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, राजस्थान के राज्यमंत्री श्री ओटाराम देवासी , ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव श्री टी०के० अनिल कुमार एवं ग्रामीण विकास विभाग राजस्थान की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती श्रेहा गुहा ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा, श्रीमती स्मृति शरण एवं भारत के समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से आये हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव, शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग एवं समस्त राज्यों के राज्य मिशन निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्रामीण आजीविका विकास विभाग उपस्थित रहेंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म की लांचिंग की जायेगी
साथ ही कार्यशाला में मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान सरकार एवं मुख्य सचिव का आगमन भी प्रस्तावित है। “लखपति दीदी” संकल्पना पर आधारित कंपेंडियम का विमोचन होगा, जिसके माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए गए कार्यों को रेखांकित किया जाएगा। इसके बाद राज्य मिशन निदेशक, राजस्थान श्रीमती नेहा गिरि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव एवं अन्य विशिष्ट अतिथि उद्यमिता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा करेंगे। मुख्य सत्रों में “पशुधन क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण” तथा “प्रोड्यूसर कलेक्टिव से बिजनेस कलेक्टिव तक ग्रामीण उद्यमों का विस्तार थीम पर प्रस्तुतिकरण होंगे। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
12 नवम्बर – सहयोग, नवाचार और महिला सशक्तिकरण
दूसरे दिन की शुरुआत पहले दिन के पुनरावलोकन से होगी। दिनभर में कई महत्त्वपूर्ण थीमों पर सत्र आयोजित होंगे, जिनमें सहयोग के लिए कार्रवाई – आजीविका इकोसिस्टम को सशक्त बनाना, क्रेडिट से आगे- अभिनव वित्तीय आर्किटेक्चर, शी-लाइफ- महिला नेतृत्व वाले कृषि एवं पशुधन उद्यमिता आदि शामिल हैं। इन सत्रों में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता के नए मॉडल, और सामूहिक व्यवसायिक संरचना को लेकर विस्तार से चर्चा होगी। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ दूसरा दिन संपन्न होगा।
13 नवम्बर – बाजार से जुड़ाव और अनुभव साझा
अंतिम दिन बायर-सेलर राउंडटेबल एवं ओपन बी2बी डिस्कशन सेशन आयोजित किए जाएंगे, जिनमें ग्रामीण उत्पादों के विपणन, खरीदारों से सीधा संवाद, और व्यापारिक साझेदारी पर विचार-विमर्श होगा। अंत में ब्लॉक झाड़ोल, ऋषभदेव, राजसमंद व डूंगरपुर के फील्ड विजिट के माध्यम से समस्त भारतवर्ष से आये हुवे प्रतिभागियों को जमीनी स्तर पर आजीविका मॉडलों का अनुभव एवं राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
कार्यशाला का उद्देश्य
राष्ट्रीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में कृषि और पशुधन आधारित उद्यमिता को सशक्त बनाना, महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण उद्यमों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से मजबूत करना। राजीविका के अनुसार, इस पहल से राज्य में “लखपति दीदी” जैसी प्रेरणादायक कहानियाँ और बढ़ेंगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
प्रशासन ने तेज की तैयारियां
राष्ट्रीय कार्यशाला को लेकर संभागीय आयुक्त एवं कार्यवाहक कलक्टर सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी ने सभी संबंधित अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुए आवश्यक बंदोबस्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ख्यालीलाल खटीक ने बताया कि कार्यशाला को लेकर जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। सभी संबंधित विभागों की ओर से अपेक्षित सहयोग मिल रहा है।
