– हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण संगीतमय कथा का सातवां दिन
उदयपुर, 9 अक्टूबर। हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण जेके ब्लॉक में संगीतमय रामकथा के सातवें दिन विविधि प्रंसगों का श्रवण करवाया। कथा में पुष्करदास महाराज एवं रुद्रेश्वर महादेव विकास समिति के महेश त्रिवेदी,जमनालाल पालीवाल, नवीन राव, मनोज भट्ट, जगदीश व्यास, प्रवीण सिंह, पुष्पेंद्र शर्मा, मंजू कुंवर कृष्णा भाटी, गोविंद सिंह, राहुल सिंह सभी सदस्यों ओर भक्तों द्वारा राम सेतु में जिन तेरते पत्थरों को उपयोग में लिया था उसी में से दो पत्थर कथा प्रांगण में पानी में छोड़े गए और पत्थर तैरने लगे । सभी भक्तों ने राम नाम की जयकार लगाई, रामकथा में सातवें दिन महाराज ने कहा जब सेतु बंध बनाया जा रहा था तब सभी वानर सेना पत्थरों को समुद्र में डाल रहे थे । भगवान राम ने सोचा मेरे नाम से पत्थर तेर रहे हे तो एक पत्थर में भी पानी में डालू, प्रभु ने पत्थर पानी में छोड़ा और वो तो डूब गया । पीछे हनुमान जी खड़े थे भगवान राम ने हनुमान जी से पूछा मेरा नाम लिख कर पत्थर समुद्र में छोड़े जा रहे हे और वो तेर रहे ओर मेने पत्थर पानी में छोड़ा तो वो डूब क्यूं गया हनुमान जी ने प्रभु के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा भगवन आपके नाम से सभी तर जाते हैं और आप इस जीवन रूपी सागर से जिसको छोड़ते है वो तो इस भवसागर में डूबेगा ही डूबेगा। आगे कहा भगवान राम के आदर्श को अपनाना है, भगवान राम बाल्य काल से ही माता, पिता, गुरु जनों को प्रणाम करते है आदर देते है । रामायण से यही सीख लेनी चाहिए हमें भी अपने बच्चों को संस्कार देने चाहिए। बच्चे माता, पिता को झुके, बहु सास, ससुर को प्रणाम करे, तभी घर घर में शांति प्राप्त होगी। हम जो भी सांस ले रहे, मुख से वाणी बोल रहे सब प्रभु की बदौलत है । सभी को समय मिला है समय का सदुपयोग करते हुए दान,पुण्य, तीर्थ, दर्शन, कर लेवे। समय चूक जाने के बाद कुछ भी करे उसका परिणाम नहीं आएगा। दीपक का अर्थ बताते हुए महाराज ने कहा जिस तरह मंदिर में दीपक की ज्योत जलती है उसी तरह हमारे घट में भी दीपक के प्रकाश की तरह उजाला होना चाहिए। परमात्मा की कृपा की बारिश तो सभी जगह बरस रही है जिसने अहंकार की छतरी ओढ़ रखी है वो इस बारिश में भीग नहीं सकता ।
विठ्ठल वैष्णव ने बताया कि गुरुवार को कथा में अतिथि भाजपा जिला उपायुक्त करणसिंह शक्तावत,पूर्व मंडल अध्यक्ष दीपक बोल्या, कन्हैया वैष्णव, पूर्व पार्षद चंद्रकला बोल्या, पूर्व महामंत्री हेमंत त्रिवेदी उपस्थित रहे।
रामकथा में राम नाम के तैरते पत्थरों के दर्शन कर भाव विभौर हुए श्रद्धालु
