उदयपुर के सुरों को चाहिए घर, ‘संगीत संग्रहालय’ बनेगा लेकसिटी की नई पहचान : मुकेश माधवानी
उदयपुर। शहर की संगीत प्रेमियों की संस्था सुरों की मंडली के निरंतर प्रयासों को अब सकारात्मक दिशा मिलती नजर आ रही है।
बीते डेढ़ वर्ष से उदयपुर में संगीत संग्रहालय की स्थापना के लिए चल रहे अभियान को संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) के आयुक्त राहुल जैन से बड़ा प्रोत्साहन मिला है।
संस्था के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि दोनों अधिकारियों से हुई सौहार्दपूर्ण मुलाकात के दौरान उन्होंने संगीत संग्रहालय की स्थापना को लेकर रुचि दिखाई और पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। सुरों की मंडली ने दोनों अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा।
सुरों की मंडली के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि उदयपुर में पारंपरिक एवं लोक संगीत की धरोहर को सहेजने का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि इस परियोजना के लिए उपयुक्त जमीन या भवन की व्यवस्था करवाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा, ताकि उदयपुर में संगीत संग्रहालय का सपना जल्द साकार हो।
मुकेश माधवानी ने बताया कि इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल दक्षिण राजस्थान के लोक संगीत और वाद्य परंपरा को संरक्षित करना है, बल्कि नई पीढ़ी को भी भारतीय संगीत की समृद्ध धरोहर से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आने वाले समय में उदयपुर की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेगा।
संस्था के सभी सदस्यों ने प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन पर आभार व्यक्त किया और प्रसन्नता जाहिर की कि संगीत संग्रहालय की स्थापना का सपना अब साकार होने जा रहा है।
इस अवसर पर सुरों की मंडली के लक्ष्मी असवानी, पूनम पालीवाल, हेमा जोशी, रिया कालरा, दिव्या सारस्वत, मुकेश शर्मा, कैलाश केवलिया, नारायण लाल लोहार, राजकुमार बापना, गिरीश तलदार, रमेश दतवानी, मनोहर लाल मुखिया, एच. काजी, जय किशन असवानी, नरेश शर्मा, एस.के. मेहता, कमल जुनेजा, हाजी मोइनुद्दीन, आशीष सक्सेना, बाबूलाल दायमा, किशन गोड़ बंजारा, रंजना भाटी, चंद्रेश शर्मा, संगीता शर्मा और योगेश उपाध्याय के के खंडेलवाल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
संस्था के सदस्यों ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशासन और सरकार के सकारात्मक आश्वासन और सहयोग से जल्द ही उदयपुर में संगीत प्रेमियों का यह सपना साकार होगा और संगीत संग्रहालय शहर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनेगा।