राजस्थान धरोहर प्राधिकरण ने हिन्दुस्तान जिंक से किया 85 करोड़ का एमओयू
परियोजना में पूंछरी का लौठा, डीग में जीर्णाद्धार कार्य, बॉटैनिकल गार्डन, परिक्रमा मार्ग का सुधार और पर्यटकों की सुविधाएँ शामिल
उदयपुर, 10 सितंबर। प्रदेश में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व की धरोहरों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी कड़ी में प्रदेश में धरोहर संरक्षण हेतु राजस्थान धरोहर प्राधिकरण ने वेदांता समूह की कंपनी और भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र एकीकृत जिं़क-लेड-चाँदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के साथ बुधवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए। तीन वर्षा की अवधि के लिए हस्ताक्षरित इस एमओयू के तहत् डीग स्थित पूंछरी का लौठा में हेरिटेज कॉरिडोर के विकास में सीएसआर पहल के माध्यम से 85 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता की जाएगी। एमओयू पर राजस्थान राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के सीईओ रामरतन एवं हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर, हेड सीएसआर वेदांता गु्रप एवं हिन्दुस्तान जिं़क अनुपम निधि, हिन्दुस्तान जिं़क के सीओओ किशोर एस, हेड कार्पारेट अफेयर्स सौरव डीन्डा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस एमओयू का उद्देश्य ऐतिहासिक स्थलों को नया रूप देना और वहां विकास करना है। इसमें बॉटैनिकल गार्डन, परिक्रमा मार्ग में सुधार, और आने वाले लोगों के लिए सुविधाएं शामिल हैं। यह जगह धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत खास है, क्योंकि यह गोवर्धन पहाड़ी का हिस्सा मानी जाती है। ब्रज सांस्कृतिक परिदृश्य के भीतर डीग में पूंछरी का लौठा में स्थित, पवित्र गोवर्धन पर्वत की पूंछ और गोवर्धन परिक्रमा के एक प्रमुख पड़ाव को चिह्नित करते हुए, यह स्थल गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां सीएसआर के तहत् कराए जाने वाले कार्य जीवंत तीर्थ के सरंक्षण, सुरक्षित आवागमन एवं स्थानीय आजीविका में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस अवसर पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि, राजस्थान भारत के सबसे बहुमूल्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने का कार्य हाथ में लिया है, इन्हें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। हिन्दुस्तान जिं़क के सहयोग से पूंछरी का लौठा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कॉरिडोर को एक जीवंत स्थान के रूप में विकसित करने के हमारे प्रयासों को गति प्रदान करेगा, जो न केवल इतिहास की रक्षा करेगा बल्कि तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा। यह सहयोग एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस प्रकार उद्योग और सरकार मिलकर विरासत का सरंक्षण करते हुए पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा दे सकते है।
हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि, विरासत समुदायों को उनकी जड़ों से जोड़ती है और पहचान को मजबूत करती है। हम इन सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और पुनरुद्धार में राजस्थान हेरिटेज अथॉरिटी का सहयोग कर गौरवान्वित है, साथ ही हम ऐसे बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी कर रहे हैं जो पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाएगा और स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करेगा।