उदयपुर। अरिहंत भवन न्यू भोपालपुरा में आयोजित धर्मसभा में बोलते हुए जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि मनी प्लांट का पौधा लगाने से पैसे नहीं आते। पशु-पक्षी इंसान की अन्न से, वस्त्र शिक्षा से सेवा कीजिए। बुजुर्गों की तन से भी सेवा कीजिए। आपके आंगन में परमानेंट मनी प्लांट लग जाएगा। पौधे लगाने मात्र से ही कमाई होती तो हर व्यक्ति लगा लेता।
उन्होंने गाड़ी के पहियों को चलाने के लिए बाहर से धक्का देने की जरूरत नहीं, बल्कि चाबी लगाकर अंदर से इंजन स्टार्ट करके चलाना जरूरी है। संत सेवा में, संप्रदाय की दीवार खड़ी करने वाले भी शांति नहीं पा सकते। संत को खुल्ले आकाश की तरह देखें। मत, पंथ, संप्रदाय के घेरे में पड़ा धर्म भी सड़ने लगता है। जिंदगी भर कितना भी धन-धन कर लो, पर मरने के बाद शोक पत्रिका में निधन ही लिखा जाना है।
साफ है कि कितना भी कमालो, मरने के बाद सारा धन यही रहना है। निधन हो जाना है। क्या ही अच्छा हो जाने से पहले अपने हाथ से ही दान करना सीख जाइए। दान देने की जब इच्छा हो तो इस वक्त दे देना चाहिए, विलंब करने पर भावना कम हो जाती है।
पौधे लगाने मात्र से ही कमाई होती तो हर व्यक्ति मनी प्लान्ट लगा लेताःआचार्य ज्ञानचन्द्र
