मार्बल एसोसिएशन ने उठाई मार्बल पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत करने की मांग, मार्बल उद्योग संकट से बचानें की आस

उदयपुर। उदयपुर मार्बल एसोसिएशन कार्यालय पर आज कार्यकारिणी की बैठक रखी गई, जिसमें आगामी 3-4 सितम्बर को जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में जीएसटी पर समीक्षा की जानी हैं। इस सन्दर्भ में एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री, जीएसटी काउंसिल सदस्य सम्राट चौधरी, सुरेश कुमार खन्ना, गजेन्द्र सिंह खीवसर, श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य, के. बी. गोवडा, के. एन. बालागोपाल एवं राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जीएस्टी कम कर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया।
अध्यक्ष पंकज गंगावत ने बताया की मार्बल ग्रेनाइट पर रॉयल्टी के बाद जीएसटी कम करने की मांग की जा रही हैं। पूर्व में भी कई बार एसोसिएशन जीएसटी कम करने की मांग कर चूका हैं। अध्यक्ष गंगावत ने बताया की मार्बल पर जीएसटी से पूर्व 5 प्रतिशत वैट ही लगता था। यदि जीएसटी दर में कमी कर उसे 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत नहीं की जाती हैं तो इस उद्योग को बचाना मुश्किल हो जायेगा।
उदयपुर मार्बल एसोससएशन काफी वर्षो से जीएसटी कम करने हेतु प्रयासरत हैं। इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय वित्त मंत्री को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, की मार्बल एवं ग्रेनाइट की ज्वलंत समस्या का समाधान किया जाए। पिछले वर्ष (22 अगस्त 2024) वित्त मंत्री जब उदयपुर मार्बल एसोसिएशन कार्यालय पर पधारी थी तब भी हमारे एसोससएशन ने श्रीमती निर्मला सीतारामन को ज्ञापन देकर जीएसटी व मार्बल उद्योग की वर्तमान हालत से अवगत कराया था। प्रधानमंत्री से आग्रह हैं कि निम्न तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी दर कम की जाए।
उन्हेंने बताया कि मार्बल एवं ग्रेनाइट विलासिता की वस्तु नहीं होकर एक सस्ता उत्पाद हैं जिसका उपयोग आम व्यक्ति के मकान, दुकानों और सार्वजनिक जगह जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डे, हॉस्पिटल, मॉल, सरकारी आवास योजना आदि में हो रहा हैं। उद्योग पिछड़ने के कारण सरकार के राजस्व और रोजगार पर भी अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा हैं। देश में लाखों व्यापारी सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग से जुड़े हुये हैं वो 18 प्रतिशत जीएसटी की बड़ी मार झेल रहे हैं।
उन्होंने बतासा कि .कोटा स्टोन एवं सेंड स्टोन पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी लग रहा हैं जो की एक ही कमोडिटी में किसी भी तरह तर्क संगत नहीं हैं। मार्बल एवं ग्रेनाइट पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी दर लागू की जाए।
स्वदेशी मार्बल और विदेशी आयातित मार्बल की कीमतों में भारी अंतर हैं जिससे विदेशी आयातित मार्बल को विलासिता की श्रेणी में रखकर 18 प्रतिशत जीएसटी उचित हैं परन्तु स्वदेशी मार्बल एवं ग्रेनाइट पर 5 प्रतिशत दर की जाएं।
उन्होंने बताया कि मार्बल एवं ग्रेनाइट की लागत अधिक होने के कारण उपभोक्ता ने सिरेमिक टाइल्स का विकल्प चुन लिया जिससे मार्बल उद्योग में रोजगार के अवसर में कमी आई हैं मार्बल उद्योग से लाखो लोगो को रोजगार मिलता हैं साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता हैं अतः इस पर जीएसटी दर कम कर इस उद्योग को संजीवनी दी जाए।
हाल ही में एसोसिएशन के पदाधिकारी जब जयपुर दौरे पर गए थे तब भी उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को जीएसटी कम करने का पुनः निवेदन किया था आगामी जीएसटी काउंसिल में राजस्थान की तरफ से पक्ष रखते हुए मार्बल ग्रेनाइट पर जीएसटी कम करने का सार्थक प्रयास किया जाए मार्बल उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए जीएसटी में कमी करके ही किया जा सकता हैं। इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राव, उपाध्यक्ष राजेंद्र मौर, सह सचिव नरेन्द्र सिंह राठौड़, कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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