नेत्रदान से स्वजन की स्मृतियों को रखा जा सकता है जीवित
उदयपुर, 25 अगस्त। महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय उदयपुर के नेत्र रोग विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ सोमवार को हुआ। पखवाड़े के दौरान 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक विविध जागरूकता कार्यक्रम होंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम में इस्कॉन मन्दिर से आचार्य श्री हरिकृपादास का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने तनाव रहित जीवन जीने के तरीके के बारे में बताया। खास तौर चिकित्सा पेशे में तनाव प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
अतिरिक्त प्रधानाचार्य प्रथम एवं विभागाध्यक्ष नेत्र रोग विभाग डॉ. विजय गुप्ता ने बताया कि महाराणा भूपाल चिकित्सालय में राजस्थान का पहला सरकारी सफल आई बैंक है जिसकी शुरूआत सितंबर 2023 से की गई एवं अब तक 200 आखें प्राप्त हो चुकी है एवं इनका सफल प्रत्यारोपण भी किया जा चुका है। हाल के वर्षों से तो सभी जगह नेत्रदान बढा है लेकिन अन्धविश्वास के कारण अभी भी लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के माध्यम से स्वजन की स्मृतियों को जीवित रखा जा सकता है। ग्रामीण अंचल में कई भ्रातिंया हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। कई देशों में अंगदान को सरकार का अधिकार प्राप्त है। श्रीलंका जैसे छोटे देश द्वारा पूरी दुनिया को कॉर्निया सप्लाई की जाती है। भारत में 78 लाख लोग अन्धता से पीड़ित हैं जिसमें से 80 प्रतिशत लोग ठीक हो सकते हैं, अगर पूर्ण रूप से नेत्रदान किया जाए तो 10 दिन में अंधेपन को समाप्त किया जा सकता है परंतु जागरूकता का अभाव एवं तरह-तरह की भ्रांतियों के कारण मृतकों के परिजन नेत्रदान नहीं करवाते हैं। डॉ गुप्ता ने कहा कि नेत्रदान की प्रक्रिया बहुत सरल है, कहीं पर भी, चाहे घर हो या हास्पिटल कार्निया लिया जा सकता है। सामान्य मृत्यु होने पर पर 2 से 4 लोगों की अंधेरी दुनिया को रोशन कर सकते है। उन्होंने नेत्रदान के प्रति जागरूक बढ़ाने के लिए सभी के सहयोग का आह्वान किया।
इस अवसर पर डॉ अशोक बैरवा, डॉ. नवनीत माथुर, डॉ. विशाल भटनागर, डॉ. भानुप्रताप सिंह, नर्सिंग आफीसर हेमन्त आमेटा, लोकेश अहारी, बिन्दु नायर, काउसंलर रेखा जीनगर, आईं बैंक से नवीन कुमार जीनगर एवं ओपीडी के सभी डाक्टर्स, रेजिडेन्ट एवं नर्सिंग ऑफीसर, पेरामेडीकल स्टाफ उपस्थित थे।
राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ
