शिक्षकों की प्रेरणा एवं आशीष से मैं संसद तक पहुँच सका – चुन्नीलाल गरासिया
शिक्षक ही समुदाय को संस्कारित करता है – फूल सिंह मीणा
उदयपुर, 23 अगस्त। गिर्वा एवं उदयपुर शहर के संस्थाप्रधानों की दो दिवसीय सत्रारंभ ब्लॉकस्तरीय वाकपीठ सरस्वती शिक्षक सदन, टेगौर नगर, सेक्टर 4 के सभागार में राज्यसभा सदस्य चुन्नी लाल गरासिया के मुख्य आतिथ्य व ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुई । मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दुर्गेश मेनारिया ने अध्यक्षता की। वाकपीठ अध्यक्ष मोहन लाल मेघवाल जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक लोकेश भारती, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी देशपाल सिंह शेखावत, अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विनोद शर्मा एवं ललित दक का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
गरासिया ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा वह ज्योति है, जो मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। शिक्षक देश के निर्माता है अथक प्रयत्नों से शिक्षक एक विद्यार्थी को सुसभ्य, सुसंस्कृत, सुनागरिक बनाता है। विद्यालय केवल किताबी ज्ञान देने का स्थान नहीं है, बल्कि यहाँ विद्यार्थी चरित्र निर्माण, अनुशासन, ईमानदारी और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का पाठ पढ़ते हैं। मैं शिक्षा विभाग के प्रत्येक कार्य हेतु तत्पर हूँ।
विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि हमारे संस्थाप्रधान समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं। हमें समुदाय के साथ सकारात्मक संबंध स्थापित करने हेतु उनसे वार्तालाप करते रहना चाहिए। जर्जर भवनों की मरम्मत एवं निर्माण हेतु सरकार तत्पर है एवं आने वाले समय में विद्यालय भवन पूर्ण सुरक्षित होंगे। उन्होने विद्यालयों में अन्य भौतिक विकास हेतु आश्वासन भी दिया ।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक लोकेश भारती ने कहा कि विभागीय कार्य को कुशलता से करना चाहिए, हमारे कार्य की मेहनत परिणाम में झलकती है। सफलता का एक ही सूत्र है – निरंतर प्रयास, सच्ची लगन और सकारात्मक सोच। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दुर्गेश मेनारिया ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रशासनिक सत्र में सर्वे , नामांकन बढ़ाना, उपचारात्मक शिक्षण, वर्कबुक का वितरण, स्टार प्रोजेक्ट, एफटीबी, शालादर्पण, शाला सिद्धी,नवोदय विद्यालय, इंस्पायर अवार्ड, विद्यालय की भौतिक सुविधाएं, विद्यालयों की सुरक्षा एवं पोषाहार पर बात करते हुए कहा कि इस प्रकार की वाकपीठ हमारे हौसलों में दम भरती है, दुगुनी ऊर्जा से हम अपने कार्यक्षेत्र में कार्य करते हैं।
वाकपीठ अध्यक्ष ने मोहन मेघवाल ने कहा कि विचार बीज हैं, जिनसे भविष्य का वृक्ष उगता है। यह वाकपीठ नए विचारों एवं नवाचारों को जन्म देगी साथ ही सबका आभार व्यक्त किया।
मीडिया प्रभारी प्रधानाचार्य किरण बाला जीनगर ने अवगत कराया कि नितिन नौटियाल एवं प्रियंका पटेल द्वारा योग से एवं रेखा सोनी द्वारा भोजन ही औषधि है के माध्यम से निरोग रहने पर वार्ता प्रस्तुत की गई । गायत्री परिवार से अर्जुन सनाढ्य ने विचार व्यक्त किए । खुले मंच पर निर्मला मेनारिया एवं दिलीप जैन द्वारा विभागीय जांच पर संवाद स्थापित किया गया। वाकपीठ में दिसंबर माह तक सेवानिवृत होने वाले प्रधानाचार्यों राका मेहता एवं शकुंतला राठौड़ का सम्मान कर अभिनंदन पत्र प्रदान किए गए साथ ही विद्यालयों में कक्षा 10 एवम् 12 का शतप्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले संस्थाप्रधानों का उपरणा एवं प्रमाण पत्र द्वारा सम्मान किया गया। प्रधानाचार्य राजेश सैनिक ने सभी व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग किया।
सचिव महेंद्र सिंह ने संचालन करते हुए कई विभागीय बातों को साझा किया। वाकपीठ की कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी प्रधानाचार्य जगदीश चंद्र चौबीसा, निर्मला मेनारिया, ऋचा रूपल, श्वेता यादव, सोनिका वर्मा, महेश जैन, दिलीप जैन, राजेश सैनिक ने कार्यक्रम के समस्त दायित्वों का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन किया।