आमजन की समस्याओं को तसल्ली से सुना, समाधान का आश्वासन
जिला कलक्टर ने संभागीय आयुक्त की उपस्थिति में की जनसुनवाई
मुख्य सचिव भी वीसी के माध्यम से जुड़े जनसुनवाई में
उदयपुर, 21 अगस्त। प्रदेश में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रारंभ की गई त्रिस्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था के तहत गुरूवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट मिनी सभागार में हुई। जनसुनवाई में संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी भी शामिल हुई। वहीं मुख्य सचिव सुंधाश पंत भी वीसी के माध्यम से जुड़े और प्रकरणों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की समीक्षा की।
त्रिस्तरीय जनसुनवाई के तहत परिवादियों की सुविधा के लिए इस बार भी जनसुनवाई दो भागों में हुई। जिला कलक्टर स्वयं कलक्ट्रेट मिनी सभागार में मौजूद रहे। वहीं अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़ ने डीओआईटी सभागार में जनसुनवाई की। अधिकारियों ने परिवेदनाओं को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ सुना और संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया। वीसी के माध्यम से जुड़े उपखण्ड अधिकारियों और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी संबंधित प्रकरणों की प्रगति की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जनसुनवाई में कुल 123 परिवाद प्रस्तुत हुए। कई प्रकरणों का हाथों हाथ निस्तारण किया गया।वहीं एक प्रकरण को सतर्कता समिति में दर्ज किया गया। शेष मामलों में संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देश किया।
संभागीय आयुक्त सुश्री केवलरमानी ने सभी अधिकारियों को जनसुनवाई में उपस्थित रहते हुए समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर श्री मेहता ने कहा कि संपर्क पोर्टल पर समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो, टाइम लाइन एवं परिवादी की संतुष्टि पर विशेष ध्यान दे साथ ही गिरदावरी कार्यों में भी तेजी लाएं।
इस दौरान अतिरिक्त संभागीय आयुक्त छोगाराम देवासी, सीईओ रिया डाबी, युडीए आयुक्त राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, गिर्वा एसडीएम अवुला सांईकृष्ण, स्मार्ट सिटी एसीईओ कृष्णपालसिंह चौहान, टीएडी उपायुक्त रागिनी डामोर सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने की समीक्षा
मुख्य सचिव सुधांश पंत वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से जनसुनवाई से जुड़े। उन्होंने जनसुनवाई एवं संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने प्रकरणों के निपटारे में समयबद्धता व गुणवत्ता के साथ परिवादी की संतुष्टि पर विशेष ध्यान देने की बात कही।