(प्रतीक जैन)
भक्तामर विधान के तेरहवें दिन भगवान आदिनाथ को 48 अर्घ्य समर्पित
             खेरवाड़ा, आचार्य सुनिल सागर की सुयोग्य शिष्या वर्तमान में सदर बाजार स्थित नेमीनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मास रत 105 सुप्रज्ञ मति माताजी के सानिध्य मे भक्तामर विधान के तेरहवें दिन 48 काव्य की पूजा कर 48 अर्घ चढाये गये। सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य हेवन जैन परिवार को मिला। इससे पूर्व सौधर्म इन्द्र परिवार कि और से पूज्य माताजी के सानिध्य मे भगवान का अभिषेक एवम वृहद शांतिधारा की गई। विधान पश्चात पूज्य माताजी द्वारा मंगल प्रवचन किया गया । प्रवचन मे आर्यिका ने बताया कि जिस प्रकार आचार्य मानतूगं ने भक्तामर मे आदिनाथ भगवान की भक्ति भगवान मे मन लगाते हुए की, उसी प्रकार श्रावको को भी मन्दिर मे दर्शन करते समय इधर-उधर ध्यान न भटकाने तथा एक दूसरे कि तरफ देखे बिना भगवान कि मूरत को एकटक निहारते हूये मन से भगवान का ध्यान व दर्शन करने चाहिए साथ ही श्रावको को धर्म के आचरण पर विस्तार से बताया। इस अवसर पर समाज अध्यक्ष वीरेंद्र वखारिया, चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र पंचोली सहित कई श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति रही।
                        
 
     
                                 
                                 
                                