पूज्य गुरुदेव ने सुनाई गुरु कृपा की कथा
—हरिद्वार से आए आचार्य ने करवाया यज्ञ; देशभर से जुटे श्रद्धालु
उदयपुर, 10 जुलाई: चित्तौड़गढ़-कोटा मार्ग स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माँ कामाख्या बद्रीनाथ धाम में गुरुवार को गुरुपूर्णिमा महोत्सव अत्यंत धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। मंदिर समिति के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि देशभर से हजारों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर धाम पहुंचे और मेवाड़ धर्म प्रमुख पूज्य श्री श्री रोहित गोपाल सूत जी महाराज के चरण पखारकर आशीर्वाद प्राप्त किया। हरिद्वार से पधारे आचार्य आकाश जुयाल ने वैदिक विधि से पूजा और यज्ञ करवाया।
इस मौके पर गुरुदेव श्री सूत जी महाराज ने व्यास पीठ पर विराजमान होकर भक्तों को गुरु महिमा का महत्व समझाया। उन्होंने देवर्षि नारद और भगवान विष्णु की कथा के माध्यम से बताया कि बिना गुरु के स्वयं भगवान भी गति नहीं पा सकते। कथा के अनुसार नारद जी को भगवान विष्णु द्वारा निगुरा कहे जाने पर उन्होंने एक मछुआरे को गुरु स्वीकार किया, लेकिन संशय करने पर उन्हें श्राप मिला कि वे 84 लाख योनियों में भटकेंगे। जब नारद जी ने क्षमा मांगी, तो भगवान ने उन्हीं के गुरु से उपाय पूछने को कहा। गुरु कृपा से नारद जी को मुक्ति मिली।
गुरु भक्ति से ओतप्रोत इस आयोजन में भक्त ‘गया तेरी शरण में आके मैं धन्य हो गया’ जैसे भजनों पर झूम उठे। भक्तों का विश्वास है कि यहां विधिपूर्वक की गई पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
इस दौरान राजस्थान अध्यक्ष रतन सोमानी, दिल्ली अध्यक्ष अशोक जिंदल, आयोजन समिति अध्यक्ष हरिओम गोयल, वेद प्रकाश गर्ग, युधिष्ठिर राणा, तारा देवी जरवाल, सुनीता देवी कुलवाल, ब्रज किशोर स्वदेशी, राहुल मनराल, देवेंद्र नागर व प्रहलाद थेपड़िया भी उपस्थित रहे।