अन्तर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित हुई चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता
-बच्चों को दिलवाई नशा नहीं करने की प्रतिज्ञा
उदयपुर। मोबाइल एक लत नहीं नशा है। बच्चों और विद्यार्थियों में इसके शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव ज्यादा सामने आ रहे हैं। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इस नशे से दूर रखने के लिए प्रयास करें। साथ ही बच्चों को भी चाहिए कि उनके परिवार में कोई सदस्य नशा करता है तो उसको समझाए। बच्चों द्वारा की जाने वाली समझाइश बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है।
अन्तर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में न्यू विजन सेवा संस्थान (नशा मुक्ति पुनर्वास केन्द्र) की ओर से गुरुवार को अभिनव स्कूल में आयोजित समारोह में नशा मुक्ति अभियान चला रहे डॉ पीसी जैन ने मुख्य अतिथि के तौर पर यह बात कही। इस मौके पर स्कूल के सानिध्य में चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें 100 से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया।
श्री जैन ने कहा कि मोबाइल का उपयोग आजकल सामान्य हो गया है, लेकिन बच्चों और विद्यार्थियों के लिए यह घातक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशा कई तरह का होता है, लेकिन आज के समय में मोबाइल की लत भी नशे में शामिल हो गई है। अभिभावक इसके लिए दोषी है। छोटी उम्र में बच्चों को मोबाइल देने से उनको दिमागी, आंख, कान के गंभीर रोग होने लगे है। श्री जैन ने बहुत ही सहज भाषा में बच्चों को नशा मुक्ति का ज्ञान दिया।
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की असिसटेंट डायरेक्टर आरुषी जैन तथा समाजसेवी एकलिंगनाथ सेवा संगठन के संस्थापक आकाश बागडी व संरक्षक निर्मल पंडित भी विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद थे। आरुषी जैन ने भी बच्चों को पढाई के लहजे में मोबाइल के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज वे जो कुछ भी है वह मोबाइल छोडने की वजह से ही है। पढाई के दौरान उन्होंने मोबाइल आलमारी में रखकर ताला लगा दिया। उसी वजह से आगे बढ पाई। समाजसेवी निर्मल पंडित व आकाश बागडी ने भी बच्चों को नशे से दूर रहने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि परिवार में भी कोई नशा करता है तो उसको छुडवाना चाहिए, क्योंकि नशा एक साथ कई लोगों को बर्बाद कर देता है। अभिनव स्कूल के प्रिंसिपल कुशल रावल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता के माध्यम से उनका प्रयास है कि बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में पता चले। इस उम्र में बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव पता चलेंगे तो हम हजारों लोगों को नशे के चंगुल में जाने से बचा लेंगे। प्रारंभ में न्यू विजन सेवा संस्थान (नशा मुक्ति पुनर्वास केन्द्र) के अध्यक्ष हर्षित चौर्डिया व सेंटर प्रभारी कृष्णा वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री वैष्णव ने बच्चों को नशा नहीं करने की प्रतिज्ञा दिलवाई। हर्षित चौर्डिया ने कहा कि उनका संस्थान पिछले कई सालों से नशा मुक्ति को लेकर अभियान चला रहा है और अब तक सैंकडों लोगों को इस बीमारी से बाहर निकाल चुका है। कार्यक्रम में चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता में विजेता रहे बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में संस्था के स्टाफ यश जोशी, अजय गिरी गोस्वामी व अभिनव स्कूल के स्टाफ ने निस्वार्थ रूप से सेवा दी।
बच्चों में मोबाइल लत नहीं नशा है, शारीरिक व मानसिक बीमार हो रहे बच्चे: पीसी जैन
