सास-बहू सम्मान समारोह “संस्कार, सहनशीलता और स्नेह का उत्सव” सिंधी समाज करेगा सास-बहू सम्मान 21 जून शनिवार झूलेलाल भवन में

उदयपुर। शक्तिनगर स्थित झूलेलाल भवन में बैठक पर चर्चा की यह एक बहुत ही सुंदर और प्रेरणादायक पहल है।हमारे समाज की नींव परिवार होता है, और परिवार की असली शक्ति होती है — सास और बहू का स्नेहपूर्ण रिश्ता। ऐसे समय में जब रिश्तों में दूरियाँ बढ़ रही हैं, हम उन बहुओं का दिल से सम्मान करते हैं जिन्होंने पिछले 5 वर्षों या उससे अधिक समय तक अपनी सास के साथ प्रेम, सम्मान और समझदारी से जीवन व्यतीत किया है, उन बहुओं का अभिनंदन करेंगे जिन्होंने न सिर्फ परिवार की गरिमा बनाए रखी, बल्कि सास को मां का स्थान देकर यह सिद्ध किया कि”जहाँ अपनापन है, वहीं परिवार है।”
कार्यक्रम का उद्देश्य:सास-बहू के रिश्तों को मजबूती देना और समाज के सामने सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करना।
          पूज्य जेकबआबाद सिंधी पंचायत अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री हरीश राजानी ने  बताया कि सिंधी समाज द्वारा आयोजित एक अनोखा और सराहनीय सम्मान समारोह “सास-बहू सम्मान समारोह”  शक्ति नगर स्थित झूलेलाल भवन में 21 जून शनिवार शाम 4:00 बजे आयोजित किया जाएगा ,इस विशेष कार्यक्रम को पूज्य जैकब आबाद पंचायत और पूज्य सिंधी साहिती पंचायत के साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है ।
       उन बहुओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने विवाह के बाद कम से कम 5 वर्ष या उससे अधिक समय तक अपनी सास के साथ रहकर न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को साझा किया, बल्कि घरेलू कार्यों में भी सक्रिय सहयोग प्रदान करते हुए परिवार में सामंजस्य बनाए रखा ।
          यह कार्यक्रम शहर के एक प्रमुख शक्तिनगर स्थित झूलेलाल भवन  में  सांय 4:00 बजे आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज के सैकड़ों लोग शामिल होंगे।
                झूलेलाल सेवा समिति के अध्यक्ष प्रताप राय चुघ ने बताया आजकल संयुक्त परिवार की परंपरा दिनों दिन खत्म होती जा रही है इससे आने वाली पीढ़ियों को यह शिक्षा मिलेगी कि होने वाली बहू संयुक्त परिवार में अपने सास ससुर के साथ रहकर उनकी सेवा करें और उन्हें समाज सम्मान करता रहे।
           पूज्य जैकबआबाद पंचायत के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री हरीश राजानी ने बताया कि वर्तमान हालातों के मद्देनजर बहू का सम्मान करने से आने वाली नई बहूओं के लिए यह संयुक्त परिवार में रहने के लिए बढ़ावा देगा और उन्हें प्रोत्साहन मिलता रहेगा जिससे समाज में मिसाल पेश की जा सकेगी”,आज का समाज बदल रहा है। बहू का मतलब अब केवल शादी के बाद ससुराल आना भर नहीं है, बल्कि सास-ससुर के साथ रहकर उन्हें सहयोग देना भी है। यह कार्यक्रम उन बहूओं को सम्मान देने का एक प्रयास है जिन्होंने यह भूमिका निभाई है।”
              पूज्य सिंधी साहिती पंचायत के अध्यक्ष ओमप्रकाश आहूजा ने बताया कि आने वाले समय में भी इसी तरह कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे जिससे एकल परिवार में रहने के जो नुकसान होते हैं उसको कम करके उदयपुर सिंधी समाज के परिवारों का नाम रोशन हो सके।
सम्मान समारोह के लिए 150 रजिस्ट्रेशन अभी तक हो चुके हैं और समाज के सभी प्रमुख भवनों में इसके फार्म उपलब्ध हैं ताकि अन्य परिवार भी रजिस्ट्रेशन करवाकर सम्मान प्राप्त कर सकें, यह विशेष सम्मान “आदर्श सास-बहू सम्मान” से नवाज़ा जाएगा । उन्हें समाज के सभी बड़े बुजुर्गों पदाधिकारीयों द्वारा शॉल, ऊपरना, सम्मान-पत्र, और एक प्रतीक चिह्न भेंट करके किया जाएगा रहा है। यह सम्मान  इसलिए भी  बहुत मायने रखता है।”.
 समाज की महिलाओं का सम्मान एक आदर्श, भावनात्मक और प्रेरणादायक बन जाएगा।
 “शादी के बाद सास के साथ रहना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सीखने और रिश्तों को समझने का अवसर होता है।
          इस कार्यक्रम ने समाज में एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जो परिवारिक संबंधों में सहयोग, समझ और परस्पर सम्मान को प्रोत्साहित करती है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज के साथ होगा।
                 बैठक में कार्यक्रम को सफल, यादगार एवं ऐतिहासिक बनाने में समाज के कैलाश नेभनानी, भारत खत्री, अशोक पाहुजा, राजेश चुघ, हरीश सिधवानी, सुरेश चावला, कमलेश राजानी, रामचंद्र चोटरानी  इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी दी।
        इस कार्यक्रम में आप सभी समाजजन सपरिवार आमंत्रित हैं।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!