साहित्य की सबसे बड़ी जिम्मेदारी – समाज के मूल्यों को प्रवाहित करना : प्रो. सारंगदेवोत

अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, आलोक संस्थान
डॉ. प्रदीप कुमावत को प्रांतीय साहित्य सम्मान पर भव्य सम्मान समारोह आयोजित
परिवार में अनुशासन पहली सीढ़ी : ले. जनरल एन.के. सिंह

उदयपुर 12 मई! अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, सर्व समाज एवं आलोक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आज उदयपुर में डॉ. प्रदीप कुमावत का साहित्यिक उपलब्धि पर भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। डॉ. कुमावत ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़गढ़ प्रांत द्वारा आयोजित कहानी लेखन प्रतियोगिता में वरिष्ठ वर्ग में प्रांतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर उदयपुर और राजस्थान को गौरवान्वित किया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एन.के. सिंह थे तथा अध्यक्षता राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कर्नल डॉ. एस.एस. सारंगदेवोत ने की। इस अवसर पर डॉ. कुमावत को पगड़ी पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर एवं अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
प्रो. सारंगदेवोत ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवंत कर अगली पीढ़ी को सौंपने की होती है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर के युग में संवेदनशीलता को बनाए रखने की जिम्मेदारी साहित्य निभा रहा है। ऐसे साहित्य का निरंतर सृजन होना आवश्यक है जिससे समाज में मूल्यों की पुनः स्थापना होती रहे।
लेफ्टिनेंट जनरल एन.के. सिंह ने कहा कि परिवार अनुशासन की पहली पाठशाला है। डॉ. कुमावत बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं और उन्होंने यह सिद्ध किया है कि एक व्यक्ति अनेक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सेना के अनुशासन की चर्चा करते हुए कहा कि बौद्धिक विवेक से लिए गए निर्णय किसी भी विजय से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। साहित्य हमें चिंतनशील और विवेकशील बनाता है।
डॉ. कुमावत ने अपने लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता, प्रेरणा और सकारात्मकता का संचार किया है। उन्होंने अब तक अनेक पुस्तकों की रचना की है और शिक्षा, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, योग तथा भारतीय मूल्यों के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दिया है।
कार्यक्रम का संचालन शशांक टांक ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रतीक कुमावत ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर शहर की विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक, शैक्षिक संस्थाओं समाजों बजरंग सेना के कमलेंद्र सिंह पवार, शत्रिय समाज से रणधीर सिंह चंदेल, गुजराती समाज के राजेश भाई मेहता, भूपेंद्र सिंह भाटी, सिंधी समाज के किशन वाधवानी, पारिख समाज से जयंती भाई पारिख, आलोक संस्थान के शशांक टांक, निश्चय कुमावत, कांता कुमावत, वीरेंद्र पालीवाल, प्रतीक कुमावत, नारायण चौबिसा, वंदना त्रिवेदी ने, सुखवाल समाज से पुनीत सुखवाल ने, पालीवाल समाज से सुरेश पालीवाल ने डॉ. कुमावत का स्वागत किया।

By Udaipurviews

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