उदयपुर, 28 जनवरी। टिम्बर एंड प्लाइवुड मर्चेन्ट वेलफेयर सोसायटी उदयपुर के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लकड़ी पर से कृषि मंडी शुल्क हटाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
सोसायटी संरक्षक सुशील बांठिया ने बताया कि सोसायटी का एक प्रतिनिधि मंडल 26 जनवरी को सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिला और लकड़ी पर लगने वाले कृषि मंडी शुल्क हटाने हेतु ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिनियम की अधिसूची धारा 2 (1) (1) में भी लकड़ी को वन उत्पाद माना गया है ना कि कोई कृषि उत्पाद जिसे प्रधानमंत्री जी द्वारा समाप्त कर दिया गया था लेकिन राज्य सरकार ने इसे पुनः बढ़ाकर लागू कर दिया है। लकड़ी पर सम्पूर्ण भारत में 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। यह स्लेब भी अपने आप में अत्यधिक है, जबकि अन्य सभी कृषि उत्पादों पर इसे कम टैक्स स्लेब लागू है। लकड़ी उत्पाद सभी वर्ग के लिए उपयोग की वस्तु है। ज्ञापन में बताया गया कि लकड़ी व्यवसाय करने वालों को मंडी द्वारा आज तक कोई सुविधा व स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है। लकड़ी व्यवसाय आज अधिकतर पड़ौसी राज्यों एवं विदेश से आयातित लकड़ी पर ही निर्भर है। स्थानीय उत्पादक उसकी अपेक्षा नगण्य है। इस दृष्टि से मंडी शुल्क को शीघ्र हटाने की मांग की। इस पर मुख्यंमत्री ने प्रतिनिधि मंडल को इस दिशा में सार्थक पहल करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में अभिषक जैन, अध्यक्ष रविंद्र सिंह चौहान, सचिव कीर्ति सोनी, संरक्षक शैलेन्द्र लेाढ़ा, रावजी भाई पटेल, गजेंद्र जोधावत, महेंद्रपाल सिंह छाबड़ा आदि उपस्थित थे।
लकड़ी पर लगने वाले कृषि मंडी शुल्क हटाने को लेकर मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
