नानीबाई का मायरा में बही करुण भक्तिधारा..

भगवान द्वारकाधीश ने स्वयं किशना खाती बन कर बैलगाड़ी सुधारने आये…
उदयपुर l राष्ट्र भारती एकेडमी,नेला रोड,सेक्टर 14 में संस्थापिका राजकुमारी जोशी की स्मृति में आयोजित नानीबाई का मायरा कथा में तीसरे दिन कथा व्यास पुष्कर दास महाराज ने कहा कि नरसी जी मेहता मायरा ले जाने की तैयारी करते है और भाई बंधुओं को साथ में चलने के लिए कहते हे परंतु साथ में कोई नहीं चलता l नरसी जी सोलह सूरदास जी के साथ नगर अंजार के मार्ग में चलते हे और उनकी गाड़ी सुधारने भगवान द्वारकाधीश स्वयं किशना खाती बन कर आते हे और गाड़ी को सुधारते हे l भगवान के गाड़ी सुधारने के बाद गाड़ी विमान की तरह चलती हे और पलक झपकते ही नगर अंजार आ जाता है l हमारे जीवन की गाड़ी भी खराब हो तो हम अपनी गाड़ी को भगवान के भरोसे छोड़ देते हे तो उस टूटी गाड़ी को भगवान पार लगा देते हे l आगे नानी बाई मिलने के लिए पिता नरसी जी के डेरे में आती है और हालचाल पूछती हे l गांव के लोग बाते करते हे और कहते हे जूनागढ़ से नरसी मेहता को अभी तक ब्याही जी श्री रंग जी ने स्नान,भोजन का नहीं पूछा l श्री रंग जी तक बात आती है और नरसी जी को अपनी हवेली में स्नान और भोजन के लिए आमंत्रित करते हे l नरसी जी और सोलह सूरदास जी की मंडली ब्याही जी के दरवाजे पहुंचती हे परंतु वहा कोई भी दरवाजा नहीं खोलता l नरसी जी सोलह सूरदास जी से कहते हे सभी संतो अपने अपने शंख बाहर निकालो और बयान जी के कानों में शंख की आवाज गूंजेगी तभी बयान जी दरवाजा खोलेगी l इतने शंख की आवाज से परेशान होकर ब्यान जी दरवाजा खोलती हे फिर नरसी जी के तिलक करती है l ब्यान जी तिलक करने के बाद नेक का रुपया मांगती हे नरसी जी बोलते हे देवा ने लेवा ने ब्यान जी राम जी रो नाम तुलसी जी सी माला फेरो सेवा सालग राम l नरसी जी के पास नेक देने के लिए रुपए नहीं होते इतने में ब्यान जी तिलक को वापस पोंछ लेती हे l नरसी जी बोलते है सांवरिया तूने केसा मुझे निर्धन किया जिससे तिलक भी पोंछ लिया l आगे स्नान करवाने के लिए नरसी जी को ठंडा पानी देते हे नरसी जी समोवन पानी मांगते हे ब्यान जी गुस्से में गरम उकलता पानी दे देती है फिर नरसी जी भगवान से पुकार करते हे और बारिश होती है और संत स्नान करते हे l भोजन के लिए पत्तल में चार दिन पुरानी बासी खिचड़ी परोसते हे नरसी जी ठाकुर को भोग लगाते हे इतने में चमत्कार होता हे गरम हो गई खिचड़ी चावल बन गया खीर l पत्तल बदल जाती है और गरम थालियों में संतो के लिए भोजन आ जाता है l रविवार को प्रातः साढे आठ बजे से कथा में भगवान द्वारकाधीश रुक्मणि जी के साथ मायरा भरने पधारेंगे और नानी बाई को चुंदड़ी ओढायेगें और ठाकुर जी की महाआरती का भी सुंदर आयोजन होगा l  कथा की पूर्णाहुति रविवार प्रातः 9 से 12 बजे मध्य होगी l
प्रारंभ में संस्थापक धर्मनारायण जोशी व विजय प्रकाश विप्लवी ने अतिथियों का स्वागत किया।
आज अतिथियों में सांसद् मन्नालाल रावत, पूर्व महापौर रजनी डांगी, राजस्थान सरकार के अति. महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शिवसिंह सारंगदेवोत, सेंट्रल एकेडमी के निदेशक डॉ. संगम मिश्रा, उद्योगपति सुनील कुमार जैन, पूर्व उपप्रधान बंशीलाल कुम्हार, पूर्व पार्षद दिग्विजय श्रीमाली, समाजसेवी जगदीश जोशी (इंदौर), केशव व्यास ने दीप प्रज्ज्वलन व तुलसी जल सिंचन करके कथा का शुभारंभ किया।

By Udaipurviews

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