उदयपुर में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ  निकाली स्वाभिमान रैली

पुलिस ने दो किलोमीटर के बाद रोकी, पुलिस और समर्थकों के बीच झड़प
उदयपुर: उदयपुर—शहर से भाजपा प्रत्याशी बनाए गए तारा चंद जैन के विरोध में सोमवार को नगर निगम के उप महापौर पारस सिंघवी ने टाउनहॉल से स्वाभिमान रैली निकाली। दो किलोमीटर बाद पुलिस ने रैली को रोका और इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया। इस दौरान रैली में शामिल सिंघवी समर्थक तथा पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने रैली में लगे माइक और लाउडस्पीकर जब्त कर लिए।
पारस सिंघवी की रैली को बाजार में पुलिस द्वारा आचार संहिता के चलते रोके जाने पर कुछ समय के लिए माहौल गर्म हुआ, इस बीच समर्थक वहां से आगे निकल गए। पारस सिंघवी ने इस मौके पर कहा कि मेरा विरोध गलत टिकट को लेकर है, मैं खुद टिकट नहीं चाहता हूँ किसी ओर को टिकट दे दे लेकिन ऐसे व्यक्ति को टिकट देने का विरोध करूँगा जिसने पार्टी के खिलाफ कार्य किया है। उन्होंने कहा की अगर पार्टी निर्णय नहीं बदलती है तो कार्यकर्ताओ के साथ बैठकर निर्णय करूँगा। पारस सिंघवी ने कहा की उन्होंने पार्टी को 50 साल दिए है वह अभी भी पार्टी के साथ जुड़े हुए लेकिन बात अगर स्वाभिमान पर आएगी तो उनके लिए सभी रास्ते खुले है।
दो किमी रैली निकलने के बाद पुलिस को आई याद, फिर सड़क पर डंडा फटकारते हुए किया तितर—बितर  
सिंघवी समर्थकों की रैली को लेकर पुलिस पर भी सवाल उठे। पारस सिंघवी समर्थकों के साथ स्वाभिमान रैली निकालते हुए सुबह टाउन हॉल से रवाना हुए और सूरजपोल, अस्थल मंदिर, मुखर्जी चौक से बड़ा बाजार पहुंचे, जिसके बाद पुलिस को आचार संहिता के उल्लंघन की याद आयी। पुलिस ने कहा रैली बिना परमीशन के निकाली गयी, इसलिए रास्ते में रोका गया। पुलिस ने लाठी फटकारते हुए रैली में समर्थकों को तितर-बितर किया। हालांकि इसके बाद पारस सिंघवी, उनके परिवारजन और सीमित समर्थक ही जगदीश मंदिर तक पहुंचे और दर्शन किए। पारस सिंघवी ने पुलिस के इस रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि रैली निकालने के संबंध में सोमवार सुबह ही प्रशासन को लेटर दे दिया गया था, तब प्रशासन ने मौखिक रूप से कहा था कि लेटर की जरूरत नहीं है। प्रशासन की अनुमति से ही स्वाभिमान रैली निकाली गयी है। रैली को बीच रास्ते रोकने का प्रयास करना गलत है।
सिंघवी बोले, हर रास्ता खुला है और जहां प्रभु बुलाएंगे वहां मैं जाऊंगा
अन्य पार्टी में शामिल होने के सवाल पर सिंघवी ने कहा कि पार्टी यदि निर्णय नहीं बदलेगी तो मुझे मेरे मित्रों के साथ, उदयपुर की जनता और मेरे सभी समाज के लोगों के साथ बैठकर निर्णय लेने पर विवश होना पड़ेगा। मेरे लिए सभी द्वार खुले हैं। मैंने यह नहीं कहा कि कांग्रेस में जा रहा हूं। इतना जरूर कह रहा हूं कि मेरे लिए सभी द्वारा खुले हुए हैं। मैं किसी एक व्यक्ति के साथ बंधा हुआ नहीं हूं। अगर स्वाभिमान से जीना है, तो हर रास्ता खुला है और जहां प्रभु बुलाएंगे वहां मैं जाऊंगा। सिंघवी ने कहा कि एक व्यक्ति के दबाव में ताराचंद जैन को टिकट देने का विरोध है।

By Udaipurviews

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