उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने चातुर्मास के अवसर पर प्रातः कालीन धर्म सभा में णमोकार महामंत्र की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जो इस महामंत्र का निरंतर जाप करते हैं उनके जीवन से दुख दरिद्र दूर होकर जीवन में सुख समृद्धि और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शांति स्थापित होती है। उनका जीवन हमेशा उन्नति और मोक्ष मार्ग की ओर प्रशस्त होता है। संसार के सुखों की प्राप्ति करने के बाद उसकी आत्मा का कल्याण होता है। जीवन में लाभ हानि या सुख-दुख कुछ नहीं होता है।
हमारें जीवन में जो भी शुभ अशुभ घटनाएं घटती है वह हमारे कर्मों का ही परिणाम होता है। उन्होंने सभी को आत्म कल्याण का मार्ग बताते हुए कहा कि जो जीवन में कभी धर्म से विमुख नहीं होता है उसका आत्म कल्याण निश्चित है। जीवन में हमेशा धर्मनिष्ट होने के साथ ही अपने वचनों का भी पक्का और सच्चा होना चाहिए। आज प्रभु श्री राम को दुनिया क्यों याद करती है क्योंकि वह अपने वचनों के प्रति दृढ़ रहे। उनके बारें में कहा भी जाता है कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई। इसलिए जीवन में हमेशा धर्मवान समतावान और वचनवान बनना चाहिए।
डॉ.वरुण मुनि ने श्रावकों को भगवान महावीर स्वामी के अंतिम चातुर्मास काल की कथा सुनाई। मुनिश्री ने धर्म के लगातार बदल रहे परिवेश को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि धर्म को किसी और से नहीं बल्कि ज्यादातर खतरा अपनों से ही होता है। हमारे अपने ही धर्म मार्ग से विमुख होते जा रहे हैं जबकि अन्य धर्म के लोग हमारे धर्म में प्रवेश कर रहे हैं और उसे अपना रहे हैं। आज धर्म के नाम पर पाखंड बढ़ रहा है। पात्रों के स्थान पर अपात्रों को ज्यादा दान पुण्य किया जा रहा है। आज का युवा हर खूबसूरत दिखने वाली चीज की ओर आकर्षित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर खूबसूरत वस्तु की महत्वता मात्र उसे देखकर ही नहीं आकी जा सकती।
धर्मसभा में अखिलेश मुनि ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि चातुर्मास काल से ही णमोकार महामंत्र की धर्म आराधना निरंतर जारी है। शुक्रवार को बाहर से आए अतिथियों का धर्म सभा में स्वागत अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।
हमारें कर्मो के अनुसार जीवन में घटती शुभ-अशुभ घटनाएंःसुकनमुनि
