द यूनिवर्सल स्कूल में आयोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम’
हिदी में ही व्यवहार करने पर दिया जोर
उदयपुर। आज हिंदी दिवस पर फतेहपुरा स्थित द यूनिवर्सल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी दिवस को सांस्कृतिक रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ मनाया गया। आज के कार्यक्रम की विशेषता स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को ही अथिति के रूप में बुलाया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. तारा वेद पेरेंट्स भाविका वेद कक्षा बारहवीं साइंस , कनिष्का वेद कक्षा नवमी, दिव्य वेद कक्षा छट्टी, अध्यक्षता वर्षा वैष्णव पेरेंट्स तन्वी वैष्णव कक्षा आठवीं, विनय वैष्णव कक्षा पाँचवी, विशिष्ट अथिति मिनाक्षी माली पेरेंट्स चित्रांशी माली कक्षा आठवीं, प्रियांशी माली कक्षा बारहवीं साइंस थे।
निदेशक शुभम सिंघटवाडिया ने बताया अंशिका वैष्णव ने ’हिंदी के बोल हूँ मैं, उर्दू जुबां हूँ,’ तनीषा कुमावत ने ’भारत देश की भाषा है हिंदी’ प्रतीक्षा चौहान ने ’हिंदी तू टेंशन न लें’ नक्षत्र सिंह ने ’जन जन की आशा है हिंदी’ पुनीत पुजारी ने ’हिंदी भाषा खतरे में है’ बच्चों ने कविताएं प्रस्तुत कर कवि सम्मलेन जैसा माहौल बना दिया।
हिंदी कोर्डिनेटर ज्योति पालीवाल ने बताया रुचिका राठौड़ बारहवीं ने ’हिंदी भाषा का महत्त्व’ हिमांशी प्रजापत ने’हिंदी पर विचार’ निशिका झालोरा दसवीं ने ’हिंदी का इतिहास’ विशाखा पालीवाल दसवीं ने ’हिंदी का वर्चस्व’ बच्चों ने भाषण देकर खूब तालिया बटोरी।
नाटक ’हिंदी भाषण का महत्व’ में जहान्वी पड़ीहार, तन्वी टांक, योगेंन्द्र सिंह, परिधि पुजारी कक्षा आठवीं के बच्चों ने बहुत हँसाया और हिन्दी में ही व्यवहार करने पर जोर दिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि हिन्दी में विश्व में भारत को अलग पहिचान दिलायी। ’भारत की बिंदी’ नृत्य में कक्षा नौ की मूमल राठौड़, भाविका सोलंकी, महिनूर खान, विधि वानी ने आकर्षक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के छात्रा नेहल खंडेलवाल कक्षा आठवीं, अंजलि झाला कक्षा नवमी ने किया और धन्यवाद उप प्राचार्या अनुभा जैन ने ज्ञापित किया।
हिन्दी दिवस पर काव्य गोष्ठी का आयोजन
उदयपुर। राजस्थान महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, सभागार उदयपुर में आज ‘हिन्दी दिवस’ पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्राचार्या डॉ. प्रभा वाजपेयी ने बताया कि इस अवसर पर छात्राओं ने काव्य पाठ के माध्यम से हिन्दी की उत्पत्ति, हिन्दी की महत्ता, जननी के रूप में हिन्दी की पहचान एवं हिन्दी के प्राचीन गौरव आदि विभिन्न पक्षों पर अपने विचार प्रस्तुत किये। संकाय सदस्य डॉ. निरूपमा जैन द्वारा अपनी कविता के माध्यम से हिन्दी संबंधी मुहावरों से परिचित करवाया। डॉ.वाजपेयी ने अपने संबोधन में हिन्दी को विश्व की समृद्ध भाषाओं में अग्रणी बताया तथा विश्व स्तर पर इसके बढ़ते हुए प्रभाव से अवगत करवाया।कार्यक्रम प्रभारी डॉ. अर्पिता जैन ने हिन्दी भाषा के उद्भव पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समापन अवसर पर कार्यक्रम उप प्रभारी डॉ. तुनीषा वशिष्ठ शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।