देर रात गूंजा-हाथी घोड़ा पालकी…..जय कन्हैया लाल की
21 तोपों की सलामी से हुआ प्रभु का स्वागत-सम्मान
21 तोपों की सलामी से हुआ प्रभु का स्वागत-सम्मान
उदयपुर, 6 सितंबर। उदयपुर स्थित पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में भगवान श्री कृष्ण प्रभु का 5190वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। नाथद्वारा मंदिर मंडल के मुख्य प्रशासक भारत भूषण ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीनाथ जी की हवेली में दो दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम में विशेष रूप से जन्माष्टमी के दिन प्रातः श्रीजी प्रभु की मंगला के पश्चात प्रधान पीठ के तिलकायत श्री के सुपुत्र गो ची 105 श्री विशाल बावा ने श्रीजी प्रभु को पंचामृत स्नान कराया। तत्पश्चात् श्रीजी प्रभु को विशेष श्रृंगार धरा कर श्रृंगार के दर्शन में प्रभु के सम्मुख श्री कृष्ण जन्म पत्रिका श्रीजी मंदिर के पंड्या जी द्वारा बांची गई। रात्रि में श्रीजी प्रभु के 9 बजे जागरण के दर्शन खुले जो रात्रि के 11ः30 बजे तक दर्शन हुए।
तत्पश्चात रात्रि के 12 बजे जो कि श्री कृष्ण का जन्म समय माना जाता है श्री कृष्ण के जन्म की इस शुभ वेला में श्रीजी प्रभु में विश्व की एकमात्र अनूठी परंपरा का निर्वाह जो की 350 वर्षों से किया जा रहा है 21 तोपों की सलामी के रूप में प्रभु को सम्मान एवं स्वागत तथा संपूर्ण पुष्टि सृष्टि को प्रभु के आगमन की सूचना का प्रतीक है इस उपलक्ष में 21 तोपों की सलामी दी गई।
प्रातः नंद महोत्सव की शुभ वेला में गो. चि.105 श्री विशाल बावा ने श्री नवनीत प्रिया एवं श्रीजी प्रभु के छठी की पूजा की एवं तत्पश्चात श्रीजी प्रभु के गोद के ठाकुर श्री नवनीत प्रिया जी को श्रीजी प्रभु के सम्मुख स्वर्ण पलने में बिरजा कर नंद बाबा एवं यशोदा के रूप में बने श्रीजी एवं लाडले लाल प्रभु के मुखिया जी द्वारा प्रभु को स्वर्ण एवं रजत से निर्मित खिलौनों से रिझाया गया एवं पलना झुलाया गया। ग्वाल एवं गोपी बने मंदिर सेवकों ने नृत्य गान किया। इस अवसर पर संपूर्ण हवेली एवं नगर में दूध दही एवं केसर से युक्त रस का छिड़काव कर सभी वैष्णव जन को सरोवर किया एवं बड़े धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं नंद महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने संपूर्ण पुष्टि सृष्टि एवं वैष्णव जन को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की खूब-खूब बधाई दी।
तत्पश्चात रात्रि के 12 बजे जो कि श्री कृष्ण का जन्म समय माना जाता है श्री कृष्ण के जन्म की इस शुभ वेला में श्रीजी प्रभु में विश्व की एकमात्र अनूठी परंपरा का निर्वाह जो की 350 वर्षों से किया जा रहा है 21 तोपों की सलामी के रूप में प्रभु को सम्मान एवं स्वागत तथा संपूर्ण पुष्टि सृष्टि को प्रभु के आगमन की सूचना का प्रतीक है इस उपलक्ष में 21 तोपों की सलामी दी गई।
प्रातः नंद महोत्सव की शुभ वेला में गो. चि.105 श्री विशाल बावा ने श्री नवनीत प्रिया एवं श्रीजी प्रभु के छठी की पूजा की एवं तत्पश्चात श्रीजी प्रभु के गोद के ठाकुर श्री नवनीत प्रिया जी को श्रीजी प्रभु के सम्मुख स्वर्ण पलने में बिरजा कर नंद बाबा एवं यशोदा के रूप में बने श्रीजी एवं लाडले लाल प्रभु के मुखिया जी द्वारा प्रभु को स्वर्ण एवं रजत से निर्मित खिलौनों से रिझाया गया एवं पलना झुलाया गया। ग्वाल एवं गोपी बने मंदिर सेवकों ने नृत्य गान किया। इस अवसर पर संपूर्ण हवेली एवं नगर में दूध दही एवं केसर से युक्त रस का छिड़काव कर सभी वैष्णव जन को सरोवर किया एवं बड़े धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं नंद महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने संपूर्ण पुष्टि सृष्टि एवं वैष्णव जन को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की खूब-खूब बधाई दी।