– साध्वियों के सानिध्य में अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की
उदयपुर 25 जुलाई। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में मंगलवार को विशेष प्रवचन हुए। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे दोनों साध्वियों के सानिध्य में अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।
चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने चातुर्मासिक प्रवचन के माध्यम से बताया कि वास्तव में हमारे ऊपर परमात्मा का बहुत बड़ा उपकार है कि उन्होंने हमारा संपूर्ण दु:ख टालने का और हमें चिरस्थायी रूप से सुखी बनाने के लिए सुंदर और सरल मार्ग बतलाया है। परमात्मा स्वयं इम मार्ग पर चलकर सुखी बने हैं और साथ-साथ हमें भी सुखी बनने का मार्ग बतलाया है। इस प्रकार परम तारक परमात्मा का हमारे ऊपर अनगिनत उपकार है। हम करोडो वर्ष तक उनकी अखण्ड सेवा करते रहें फिर भी उनके इस उपकार का बदला नहीं चुकाया जा सकता। उन्होंने आगे बताया कि जैसे हम खतरनाक जंगल में फंस गए हों या यथाह समुद्र में डूब रहे हमें बचने का कोई सहारा न हो, ऐसे अवसर पर हमारी जान बचाने वाला कोई मिल जाए तो हमें नेह व्यक्ति कैसा लगेगा? यही सोचेंगे ना कि यदि वह नहीं मिला होता तो हमारी मृत्यु निश्चित थी, हमारा विनाश निश्चित था। बचने की कोई आशा नहीं थी, लेकिन उस व्यक्ति ने हमें मौत के मुख से बचा लिया।
जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।
मनुष्य जीवन में परमात्मा का बहुत बड़ा उपकार है : साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री
