ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करें – राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे

सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय का 12वा दीक्षांत समारोह
उदयपुर, 28 अक्टूबर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा का अंत नहीं, अपितु अर्जित ज्ञान के व्यावहारिक उपयोग का शुभारंभ है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करें।

श्री बागडे मंगलवार शाम को उदयपुर जिले के भटेवर में स्थित सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय के 12वे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री बागडे ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य में किसी भी पद पर रहें अथवा कोई भी काम करें तो लोक कल्याण की भावना को सदैव आगे रखें। ज्ञान का कभी अहंकार नहीं पालें।

समय प्रबंधन का समझाया मोल
श्री बागडे ने युवाओं को समय प्रबंधन का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन के अनुसार उम्र के पहले 25 वर्ष अध्ययन करते हुए समय को योग्य और समर्पित नागरिक बनाने के है, उसका सदुपयोग करें। समय किसी दुकान पर नहीं मिलता, इसलिए उसका प्रबंधन करना सीखें।

अन्न की बर्बादी रोकने की नसीहत
राज्यपाल श्री बागडे ने भारतीय संसद के प्रथम अध्यक्ष जी वी मावलंकर से जुड़ा प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए विद्यार्थियों को अन्न की बर्बादी रोकने की भी नसीहत दी। उन्होंनेकहा कि हर कार्य में नियोजन का बड़ा महत्व है।थाली का नियोजन भी उसी का हिस्सा है। यदि हम कितना खा पाएंगे, उसका अंदाज लगाए बिना थाली भर लें और बाद में वह भोजन व्यर्थ हो तो यह ठीक नहीं है।

विकसित भारत संकल्प को साकार करने में दें योगदान
राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि वर्ष 20247 तक आजादी की 100वीं वर्षगांठ पर देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प है। इसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने सभी से इस संकल्प को साकार करने में योगदान का आह्वान किया। राज्यपाल श्री बागडे ने भारतीय ज्ञान कोष को उल्लेख करते हुए युवाओं से उसके बारे में जानने और शोध करने के लिए भी प्रेरित किया। राज्यपाल श्री बागडे ने मेवाड़ के शौर्य और बलिदान से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र सेवा के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया।

3 को मानद उपाधि, 331 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान
समारोह में राज्यपाल श्री बागड़े की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के  331 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। वहीं कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच सेड्रिक डीसूजा, उद्योगपति मनोज सिंघल तथा टीवी अदाकारा अर्चना पूरनसिंह को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित सभी अध्ययन कार्यक्रमों में सर्वाच्च संचयी ग्रेड प्वाइंट औसत (सीजीपीए) हासिल करने के लिए अध्यक्ष का स्वर्ण पदक बी.टेक (सीएसई) से श्री गुडापेली श्री हरि को प्रदान किया गया। कार्यक्रम के टॉपरों के लिए प्रेसिडेंट मैडल नमन जैन-एम सी ए (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन), गुडापेली श्री हरि-बी.टेक (सीएसई) चित्रा मालवीय (एमबीए) और देविक मुंद्रा (बीबीए) को प्रदान किए गए।  प्रारंभ में राज्यपाल श्री बागड़े का विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं चैयरमैन निधिपति सिंघानिया, कुलगुरू डॉ पृथ्वी यादव सहित अन्य ने स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रशासन, शिक्षा जगत, उद्योग जगत से जुड़े कई गणमान्य जन उपस्थित रहे।

राज्यपाल का डबोक एयरपोर्ट पर स्वागत
इससे पूर्व राज्यपाल श्री बागड़े के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक पहुंचने पर  प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने अगवानी की। राज्यपाल श्री बागड़े ने विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के उपरान्त सड़क मार्ग से चित्तौड़गढ़ के लिए प्रस्थान किया।

By Udaipurviews

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