उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर में गुरुवार को 77वां विजयादशमी महोत्सव धूमधाम और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। श्री सनातन धर्म सेवा समिति और श्री बिलोचिस्तान पंचायत द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस महोत्सव में सांस्कृतिक परंपरा, धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का अनोखा संगम देखने को मिला। महाराणा भूपाल स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों में हजारों की संख्या में उत्साहित लोग मौजूद रहे।

सनातन धर्म सेवा समिति के सचिव नरेंद्र क्थूरिया ने बताया कि शक्ति नगर स्थित सनातन धर्म मंदिर में समाज की पूर्व से चली आ रही परंपरा पर समाज के नव बच्चों का मुंडन संस्कार होता है जो सनातन मंदिर में कई बच्चों का मुंडन संस्कार हुआ जो सुबह से प्रारंभ हुआ तो दोपहर तक यह कार्यक्रम चला रहासर पर दोपहर साढ़े तीन बजे सनातन धर्म मंदिर, शक्तिनगर में भगवान श्रीरामचन्द्र जी और श्री लक्ष्मण जी बने पात्रों ने भगवान शिवजी का पूजन किया। इसके बाद गुरुजी शैलेश कुमार ब्रिजवानी ने विजय तिलक कर महोत्सव का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उद्घाटन किया। ।
शोभायात्रा में रंगारंग झांकियों का जादू
पंचायत उपाध्यक्ष गुरमुख कस्तूरी और महासचिव विजय आहुजा ने बताया कि सनातन धर्म मंदिर से दोपहर 3.45 बजे मंदिर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा ने पूरे शहर की सड़कों पर उत्सव का माहौल बना दिया। जगह-जगह झांकियां का स्वागत हुआ भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की अलौकिक झांकियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ढोल-नगाड़ों, बैंड बाजों व पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ताल पर आगे बढती शोभायात्रा में मेवाड़ पालीवाल समाज, आश्रय समाज, विप्र फाउंडेशन, मेवाड़ मुश्तेचे क्लब, इस्कॉन एवं हरे कृष्णा मूवमेंट, भोपालपुरा युवा संगठन और मैक्स टॉर्क सुपरबाइक्स ग्रुप जैसी संस्थाओं की झांकियों ने भव्यता व उत्साह का संचार करते हुए कई संदेश दिए। शाम 5.45 बजे शोभायात्रा ने स्टेडियम में प्रवेश किया और परिक्रमा पूरी की। दर्शक, युवा और बुजुर्ग सभी ने झांकियों और पश्चिमी संस्कृति केंद्र के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया व जमकर जय श्री राम के जयकारों के साथ अभिवादन किया तो माहौल में नया ही जोश भर गया।
श्री सनातन धर्म सेवा समिति के हेमंत गखरेजा बताया कि भव्य रावण दहन और आतिशबाज़ी सायं 6.30 बजे महोत्सव का सबसे रोमांचक दृश्य आया जिसमें नगर निगम द्वारा भव्य आतिशबाज़ी आरंभ हुई। इस पावन अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरे ग्राउंड में सभी दर्शकों द्वारा मोबाइल की लाइट से रोशन कर दिया जैसे मानो आसमान में तारे नहीं जमीन पर आ गए हो इसी के साथ विजयादशमी के शुभारंभ का साक्षी बनकर आस्था का प्रदर्शन किया, 70 फीट ऊँचे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को आधुनिक लाइटिंग और आतिशबाज़ी इफेक्ट्स से सजाया गया। लोगों ने इन्हें अपलक निहारा व इन्हें बनाने वाले कारीगरों की जमकर प्रशंसा की। साने की लंका भी आकर्षण का केंद्र रही। शाम 7 बजे बाद लंका दहन का क्षण आया व गुरूजी शैलेश कुमार जी ब्रिजवानी ने भगवान राम का तिलक किया तो वातावरण जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। इसके बाद विधिवत रूप से संवाद के बाद पहले 100 फीट की लंका का दहन हनुमानजी ने किया तो स्टेडियम में जयश्रीराम का निरंतर जयघोष होता रहा। रावण पुतले के दहन के समय तो भक्तजन दर्शकों का उत्साह चरम पर पहुंच गया। भगवान ने तीर छोडा जो नाभी में लगा। आसमान में फैली आतिशबाज़ी की चमक ने स्टेडियम और आसपास के क्षेत्र को जगमगा दिया , दहन के समय पुतले के आसपास में आम जनता ना जाये इसके लिए पुलिस व समिति के पदाधिकारी ने व्यवस्था संभाली।
अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया गौरव
श्री बिलोचिस्तान पंचायत की रमेश तलदार ने बताया कि इस भव्य महोत्सव में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में गुरुजी शैलेश कुमार ब्रिजवानी, उदयपुर सांसद मन्नालाल जी रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल जी गरासिया, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद जी सामर, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह सिंह राठौड़,कलेक्टर नमित मेहता, निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, सिंघल फाउंडेशन के ट्रस्टी अरविंद सिंघल, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के डायरेक्टर फुरकान खान, आईजी एवं पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और जिला खेल अधिकारी महेश पालीवाल , पूर्व विधायक त्रिलोक पुर्बीया, समाजसेवी भीमन दास जी तलरेजा आदि शामिल थे। कार्यक्रम में नगर निगम द्वारा भव्य आतिशबाजी की गई सुरक्षा और व्यवस्था में प्रशासन का योगदान रहा
श्री बिलोचिस्तान पंचायत के उपाध्यक्ष जितेंद्र तलरेजा ने बताया कि निगम उदयपुर और जिला प्रशासन ने आयोजन में यातायात, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया। स्टेडियम के आसपास विशेष पार्किंग की व्यवस्था की गई थी और एलईडी स्क्रीन लगाई गई ताकि भीड़ में शामिल सभी लोग रावण दहन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद ले सकें। इस अवसर पर आयोजन समिति ने उदयपुरवासियों से अपील की कि विजयादशमी केवल रावण दहन का पर्व नहीं है, बल्कि यह अच्छाई की बुराई पर विजय और सत्य की असत्य पर जीत का संदेश है। समिति के मनोज कटारिया ने कहा, “श्रीराम के आदर्शों को अपनाकर समाज में भाईचारा और एकता को मजबूत करें। इस पर्व का सच्चा संदेश यही है।“
मंच का संचालन दुर्गेश चांदवानी व मीनाक्षी कस्तूरी कालरा ने किया।
