कलश यात्रा के साथ ही 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव प्रारम्भ
उदयपुर। कन्हैयालाल धायभाई और पूलां की पूर्व पार्षद श्रीमती मंदाकिनी धायभाई की ओर से वृंदावन के महाराज वैंकटेश भाई मुखारविंद से कथा स्थल श्री कृष्ण वाटिका, धायभाई जी की पुलां में आज से 7 दिवसीय श्रीमद्भावगत कथा प्रारम्भ हुई। कथा से पूर्व क्षेत्र में कलश यात्रा निकाली गई।
नानूराम वैष्णव ने बताया कि कलश यात्रा श्रीरुपनारायण जी मंदिर पुलां से श्रीमद्भागवत यात्रा और कलश शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो विभिन्न मार्गो से होती हुई कथा स्थल श्री कृष्ण वाटिका पुलां पहुंची। उसके बाद प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होगा। श्रीनाथ जी के मेवाड़ में आने एवं श्रीनाथ के नाम के अर्थ का महत्व बताया। श्रीमद्भागवतकथा का महत्व बताया। महिलायें गुलाबी साड़ी में एवं पुरूष
परम्परागत वेशभूषा धोती कुर्ता व साफा पहन कर भाग लिया।
कथा के दौरान दूसरे दिन शिव-पार्वती उत्सव का आयोजन होगा। आयेाजन में भीलवाड़ा, चित्तौड़, अजमेर,किशनगढ़़ जोधपुर व जयपुर सहित अनेक स्थानों से आये भक्तों ने भाग लिया। आयोजन मे संावरिया सत्संग परिवारजनों ने भी भाग लेकर कथा श्रवण किया।
प्रतिदिन उत्सवों के आयोजन होंगे जिसमें श्रीकृष्ण जन्म, श्रीद्वारिकाधीश रुक्मिणी विवाह, श्री गोवर्धन पुजा, श्री गिरिराज धरण छप्पन भोग, श्री नृसिंह अवतार, भक्त प्रह्लाद और हरिण्यकश्यप वध शामिल होंगे। इसी तरह 17 अगस्त को कथा का महोत्सव समापन होगा। जिसमें प्रतिदिन उदयपुर, चितोड, भीलवाड़ा, किशनगढ़, अजमेर, जयपुर सहित कई स्थानों से सैकड़ों सनातनधर्मी भक्त गण श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर लाभ लेंगे।