7 साल के बच्चे की जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी पारस हेल्थ में सफल

उदयपुरः 27 जून. पारस हैल्प उदयपुर के न्यूरोसाइंसेस डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह कॉन्फ्रेंस 7 साल के बच्चे की सफल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के बाद रखी गई। इसमें डॉक्टरों ने केस की जानकारी, इलाज के तरीके और इस्तेमाल की गई तकनीकों के बारे में बताया। बच्चे को दो महीने से लगातार सिरदर्द हो रहा था। MRI स्कैन में पता चला कि उसके दिमाग में लगभग 506 सैमी का बड़ा ब्रेन ट्यूमर है। इसी वजह से उसके दिमाग पर और पड़ रहा था। न्यूरोसाइंसेस डिपार्टमेंट की एक्सपर्ट टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक किया। टीम का नेतृत्व डॉ. अजीत सिंह (सीनियर कंसल्टेंट यूरोसर्जरी) ने किया, उनके साथ डॉ. राजकुमार बिश्नोई (कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स) और डॉ. अबोजर हुसैन (लनियर कंसल्टेंट एनेस्थीसिया) भी शामिल थे।
सर्जरी में एडवांस इमेज-गाइडेड तकनीक और Cavitron Ultrasonic Surgical Aspirator (CUSA) का इस्तेमाल किया गया, जिससे ट्यूमर को आसपास के दिमाग के हिस्सों को कम नुकसान पहुंचाते हुए और बहुत कम बलड लॉस के साथ हटाया गया। सर्जरी के सिर्फ दो दिन बाद ही बच्चे को स्वस्थ हालत में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पारस हेल्थ उदयपुर के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी डॉ. अजीत सिंह ने कहा, “इस केस में सिर्फ तकनीकी स्किल ही नहीं, बल्कि बहुत की सावधानी से योजना बनानी पड़ी। ट्यूमर का आकार बड़ा था, उसमें खून का बहाव ज्यादा था और वह दिमाग के अहम हिस्सों के पास था, इसलिए हमें हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाना पड़ा। सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग सबसे बड़ी चिंता थी. इसलिए हमने रियल टाइम न्यूरो-नेविगेशन और माइक्रो सर्जरी तकनीक का इस्तेमाल किया ताकि कोई दिक्कत न हो। बच्चों में ब्रेन सर्जरी करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है, और मुझे गर्व है कि • हमारी टीम ने मिलकर न सिर्फ सफल सर्जरी की, बल्कि बच्चे के भविष्य को भी सुरक्षित किया।”
मेडिकल टीम ने यह भी बताया कि शुरुआत में बच्चे को माइग्रेन बौमारी की गलत पहचान हुई थी जब सामान्य इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ, तो परिवार ने आगे जांच करवाई, जिससे ट्यूमर का पता चला और समय पर सर्जरी हो सकी।
प्रेस इवेंट में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इसमें डॉ. उदय भौमिक डायरेक्टर और एचओडी और डॉ. अमितेन्दु शेखर (सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी) शामिल थे। इसके साथ ही न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट से डॉ. मनीष कुलश्रेड (सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी और डॉ. तरुण मापुर सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी) भी मौजूद रहे। सभी डॉक्टरों ने इस केस में टीमवर्क की भूमिका के बारे में बताया और हॉस्पिटल की एडवांस व पेशेंट- सेंट्रिक कैपर के प्रति प्रतिबद्धता को भी जोर देकर बताया।
पारस हेल्प उदयपुर के फसिलिटी डायरेक्टर डॉ. प्रसून कुमार ने कार्यक्रम में बताया कि हॉस्पिटल का उद्देश्य है कि पूरे भारत में ज़्यादा से ज्यादा लोगों को हाई क्वॉलिटी वाली और स्पेशलाइज्ड न्यूरो देखभाल मिल सके। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल का न्यूरो साइंसेज़ विभाग न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी को आधुनिक इमेजिंग सिस्टम, कम चीरा वाली तकनीकों और स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के साथ मिलाकर बच्चों और बड़ों दोनों में जटिल दिमाग और रीढ़ के जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है।

By Udaipurviews

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