राजस्थान से 09 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दल डीलिस्ट हेतु चुने गए
उदयपुर, 26 जून। भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में तथा निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में 345 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों को डीलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये वे दल हैं जो वर्ष 2019 से पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़े हैं और जिनके कार्यालयों का भौतिक रूप से कोई पता नहीं चल पाया है। ये 345 राजनीतिक दल देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।
निर्वाचन आयोग के संज्ञान में यह बात आई है कि वर्तमान में पंजीकृत 2800 से अधिक त्न्च्च्े में से कई दल ऐसे हैं जो पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के रूप में बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसी के मद्देनज़र आयोग ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर ऐसे दलों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाया, जिसके अंतर्गत अब तक 345 ऐसे दल चिन्हित किए जा चुके हैं।
राजस्थान से डीलिस्ट हेतु चुने गए 09 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल
राजस्थान से आयोग ने डिलिस्ट करने के लिए प्रारम्भिक रूप मे राजस्थान जनता पार्टी, राष्ट्रीय जन सागर पार्टी, खुशहाल किसान पार्टी, भारत वाहिनी पार्टी, भारतीय जन हितकारी पार्टी, नेशनल जनसत्ता पार्टी, नेशनलिस्ट पीपलस फ्रंट, स्वच्छ भारत पार्टी एवं महाराणा क्रांति पार्टी का चयन किया है।यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी दल अनुचित रूप से डीलिस्ट न हो, संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इसके बाद संबंधित ब्म्व्े द्वारा इन दलों को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। किसी भी दल को डीलिस्ट करने का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा। देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत अपंजीकृत) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29। के तहत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होते हैं। इस प्रावधान के अंतर्गत, कोई भी संगठन एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत हो जाने पर कर में छूट जैसी विभिन्न सुविधाओं और लाभों का पात्र हो जाता है। यह प्रक्रिया राजनीतिक प्रणाली की शुद्धि और उन दलों को डीलिस्ट करने के उद्देश्य से की जा रही है, जिन्होंने वर्ष 2019 से लोकसभा या राज्य विधानसभाओं या उपचुनावों में कोई चुनाव नहीं लड़ा है और जिनका भौतिक अस्तित्व भी स्थापित नहीं हो सका है। इस अभियान के पहले चरण में 345 ऐसे दल चिन्हित किए गए हैं और यह प्रक्रिया राजनीतिक प्रणाली को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से आगे भी जारी रहेगी।