एमपीयूएटी के पांच पूर्व कुलगुरू रहेंगे उपस्थित
अनुसंधान एवं विस्तार उपलब्धियों से जुड़े प्रकाशनों का होगा विमोचन
उदयपुर, 29 अक्टूबर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर का 26 वां स्थापना दिवस एक नवम्बर शनिवार को भव्य समारोहपूर्वक मनाया जाएगा। राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में प्रातः 11.00 बजे आयोजित समारोह से पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप एवं डॉ. ए. राठौड़ की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।
समन्वयक राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता, डॉ. एम.के. महला ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरू एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलगुरू डॉ. भगवती प्रसाद सारस्वत होंगे। विशिष्ट अतिथि एमपीयूएटी के पूर्व कुलगुरू रहे डॉ. वी.वी. सिंह, डॉ. एस.एल. मेहता, डॉ. यू.एस. शर्मा, डॉ. एन.एस. राठौड़ एवं डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक होंगे। समारोह की अध्यक्षता एमपीयूएटी के नवनियुक्त कुलगुरू डॉ. प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर व्याख्यान, प्रमुख शिक्षण की प्रस्तुति, विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार उपलब्धियों को रेखांकित प्रकाशनों का विमोचन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी परिषद् के सदस्य, सभी डीन-डायरेक्टर, पूर्व प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भाग लेंगे।
राज्य में कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को विकसित करने के लिये राज्य में पहला कृषि महाविद्यालय, जोबनेर में एस.के. एन. कृषि महाविद्यालय स्थापित हुआ। बाद में 1955 में उदयपुर में राजस्थान कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गई। राज्य का दूसरा कृषि विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर (एमपीयूएटी), (प्रारम्भिक नाम: कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर) 1 नवम्बर, 1999 को राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के विभाजन के माध्यम से अस्तित्व में आया। राजस्थान सरकार का 1999 का अध्यादेश संख्या 6, जो मई, 2000 में एक अधिनियम बन गया। यह देश के सबसे बड़े राज्य में फसलों, फसल चक्र, जलवायु, मिट्टी के मापदण्डों आदि सहित व्यापक भौगोलिक विविधता को देखते हुए किया गया। यह विशेष रूप से दक्षिणी राजस्थान के जनजातीय क्षेत्र के लिए अधिक उपयुक्त स्थान विशिष्ट कार्यक्रमांे को नई गति प्रदान करता है। विश्वविद्यालय ने 1 दिसम्बर, 1999 से पूरी तरह से काम शुरू कर दिया।विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में घटक कॉलेज, कृषि अनुसंधान केन्द्र (एआरएस), कृषि अनुसंधान उप केन्द्र (एआरएसएस), पशुधन अनुसंधान केन्द्र (एआरएस), बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र और कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), राजस्थान राज्य के दक्षिण और दक्षिण पूर्वी हिस्से के उदयपुर, राजसमन्द, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चिŸाौड़गढ़, भीलवाड़ा और प्रतापगढ़ में भी फैले हुए है।
