उदयपुर। ऐसा संभव है कि कोई व्यक्ति दातुन करते समय टूथ ब्रश को ही निगल ले और खतरा मोल ले ले। किन्तु दुर्घटनावश उदयपुर में एक युवक के साथ ऐसा हो गया दातुन करते समय आई उबकाई उसे भारी पड़ गई। जिसके चलते 12 सेन्टीमीटर की टूथ ब्रश उसके गले के जरिए पेट तक पहुंच गया। जिसे यहां के जीबीएच अस्पताल में एंडीस्कॉपिक प्रोसिजर करते हुए मुंह के रास्ते बाहर निकाला गयां
अस्पताल के निदेशक आनंद झा बताते हैं कि चित्तौड़गढ़ के 53 वर्षीय गोपालसिंह राव के साथ ऐसी दुर्घटना हो गई। गला और मुंह साफ करते हुए अचानक आई उबकाई के चलते उसके गले में ब्रश चला गया। वह कुछ समझ पाता उससे पहले ब्रश पेट तक पहुंच गया। हर तरह से विफल होने पर परिजन उसे तत्काल उदयपुर के जीबीएच अमेरिकन अस्पताल लेकर आए। जहां गोपाल सिंह का सीटी स्कैन किया गया, जिसमें टूथब्रश पेट के उपरी हिस्से में अटका दिखाई दिया। जिसे बेरियाट्रिक एवं लेप्रोस्कॉपिक सर्जन डॉ. शशांक जे त्रिवेदी ने एंडीस्कॉपिक प्रोसिजर से निकालना तय किया। निश्चेतना विभाग के डॉ. तरुण भटनागर और डॉ. विकास अग्रवाल ने एंडीस्कॉपिक प्रोसिजर की तैयारी की और डॉ. शंका ने 12 सेंटीमीटर का टूथब्रश मुंह के रास्ते से ही बाहर निकाला।
अब तक 50 मामले, राजस्थान का पहला केस
डॉ. शशांक बताते हैं कि टूथब्रश निगलने के अब तक लगभग 50 मामले विश्व स्तर पर रिपोर्ट हुए हैं। इससे पहले एम्स दिल्ली में साल 2019 में ऐसी घटना सामने आई थी। टूथब्रश निगलने का अब तक का राजस्थान का यह पहला मामला सामने आया है, जिसे बिना चीरा लगाए या आॅपरेशन किए बाहर निकाला गया। रोगी को प्रोसिजर के बाद एंडीस्कॉपिक प्रोसिजर से आंतों तक भी जांच की गई। एक दिन आईसीयू में रखने के बार मंगलवार को रोगी को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब यह केस सर्जरी के जनरल में प्रकाशन एवं डब्ल्यूएचओ रिकार्ड में दर्ज कराने भेजा जाएगा।
दातुन करते निगला 12 सेंटीमीटर का टूथ ब्रश
