आचार्य श्री विजयराज की 11 दिवसीय मौन साधना आज से

– सुखी रहना है तो वर्तमानजीवी बनें: आचार्य विजयराज
उदयपुर, 2 जुलाई। हुक्मगच्छाधिपति आचार्य श्री विजयराज की 11 दिवसीय मौन साधना 3 जुलाई बुधवार से प्रारम्भ हो रही है। मौन साधना पश्चात 14 जुलाई को श्रावक-श्राविकाओं को महामांगलिक प्रदान करेंगे।
श्री हुक्मगच्छीय साधुमार्गी स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के अध्यक्ष इंदर सिंह मेहता ने बताया कि आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. की 11 दिवसीय मौन साधना 3 जुलाई बुधवार से प्रारम्भ हो रही है इस हेतु वे एकान्तवास करेंगे एवं 14 जुलाई को मौन साधना के पश्चात आयड़ जैन मंदिर के आत्मवल्लभ आराधना भवन में महामांगलिक प्रदान करेंगे। उपाध्यायश्री जी आदि ठाणा के नियमित प्रवचन ऋषभ भवन में होंगे। आचार्य श्री 15 जुलाई को चातुर्मास हेतु नवकार भवन केशवनगर में पदार्पण करेंगे।
मंगलवार को आयड़ स्थित ऋषभ भवन में आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए जैनाचार्य विजयराज जी म.सा. ने कहा कि सुखी रहना है तो वर्तमानजीवी बनें एवं अपनी आवश्यकताओं को सीमित करना सीखें। आपका घर किसी मन्दिर से कम नहीं होता, पर संसारियों ने अनावश्यक संग्रहण से इसे कबाड़खाना बना रखा है। मन को नियंत्रित कर अपने जीवन को नैतिक एवं प्रामाणिक बनाएं, धार्मिकता स्वतः आ जाएगी। इस अवसर पर उपाध्याय श्री जितेश मुनि जी म.सा. ने स्वयं की पहचान करने की प्रेरणा दी।

By Udaipurviews

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