108 जोड़ो ने किया भक्तामर महाअनुष्ठान

उदयपुर महावीर साधना एवम स्वाध्याय समिति अम्बामाता में रविवार को एक साथ 108 युगल ने आदिनाथ स्त्रोत्र भक्तामर का अनुष्ठान किया। मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य व मूर्तिपूजक संघ उपाध्याय कलापूर्ण विजय म. सा की गरिमा मय उपस्थिति में अनुष्ठान संपन्न हुआ। श्वेत परिवेश में पुरुष, व चुनड़ में महिलाओं को मुनि सम्बोध कुमार ‘मेधांश’ ने 48 श्लोको के साथ रिद्धी- सिद्धि मंत्रो का सामूहिक अनुष्ठान करवाया। यह पहला अवसर था जब महावीर साधना एवम स्वाध्याय समिति अम्बा माता में 108 जोड़ो के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भक्तामर अनुष्ठान किया। श्रावक-श्राविकाओं ने जोड़े से विविध मंत्रोच्चारण के साथ 48 यंत्रो को लवंग से सिद्ध किया। कार्यक्रम समापन पर ध्यान साधक मुनि सुरेश कुमार ने कहा- भक्तामर का प्रत्येक श्लोक संकट निवारक, स्वास्थ्य वर्धक, शक्ति, शांति और समृद्धि का कारक है। अनुष्ठान दिव्य अनुभव देता है। उपाध्याय कलापूर्ण विजय म. सा ने कहा- अनुशासन और समर्पण से सिद्धियां हमारे द्वार पर आती है। अनुष्ठान निर्देशक मुनि सम्बोध कुमार मेधांश’ ने कहा- अमेरिका में भक्तामर के एक-एक श्लोक पर शोध हो रहे है, कैंसर जैसी जानलेवा बिमारीयों का इलाज इसमें खोजा जा रहा है, यह अनुष्ठान घर में शांति, समृद्धि, आत्मिक विकास के लिए ब्रह्मास्त्र है। महावीर साधना एवम स्वाध्याय समिति अध्यक्ष प्रकाश कोठारी ने ऐतिहासिक आयोजन के लिए मुनिप्रवर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए श्रावक समाज की सक्रिय सहभागिता के लिए आभार जताया।  टी. पी.एफ अध्यक्ष हिमांशु राय नागौरी ने कहा- मुनिप्रवर के सान्निध्य में सदा कुछ अलग दिखता है। इस अवसर पर उपाध्याय दिव्य चन्द्र जी म. सा एवम नवकार म. सा ने भी सान्निध्य प्रदान किया।
By Udaipurviews

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