तस्करों ने लदन के निजी संग्रहालय को बेच दी थी, साल 2020 में भारत सरकार को मितली थी, अब केंद्रीय मंत्री स्थानीय पुरातत्व विभाग को करेंगे हवाले
उदयपुर। चित्तौड़गढ़ जिले से चोरी गई नटराज की दुर्लभ 1000 साल पुरानी प्रतिमा जल्द ही स्थानीय पुरातत्व विभाग को मिलने जा रही है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल इस प्रतिमा को आगामी पंद्रह जनवरी को पुरातत्व विभाग के हवाले करने जा रहे हैं। यह दुर्लभ प्रतिमा साल 2020 में भारत सरकार को मिल चुकी थी लेकिन कानूनी कार्रवाई के चलते अभी तक मिल नहीं पा रही थी।
बताया गया कि चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा के बाड़ोली मंदिर समूह के मुख्य मंदिर घटेश्वर महादेव मंदिर से दसवीं सदी से पहले निर्मित नटराज की दुर्लभ प्रतिमा 1998 में चोरी हो गई थी। तस्करों ने इसे लंदन में बेच दिया था। यह मूर्ति 2020 में इंडिया तो आ गई थी लेकिन कानूनी कार्रवाई के चलते चित्तौड़गढ़ नहीं पहुंची थी। अब सांसद सीपी जोशी के प्रयासों के बाद 15 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल इस प्रतिमा को सुपुर्द करने के लिए चित्तौड़गढ़ लेकर आ रहे हैं। अब रविवार को भारत सरकार के संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल चित्तौड़गढ़ स्थित कुंभा महल गार्डन में शाम को 4:30 बजे एक कार्यक्रम के दौरान स्थानीय पुरातत्व विभाग को यह मूर्ति सौंपेंगे।
भारत सरकार मूर्ति को भारत लाने में रही सफल
चित्तौड़गढ़ सांसद जोशी ने बताया कि नटराज की यह दुर्लभ और प्राचीन मूर्ति होने के कारण भारत सरकार अपनी प्राचीन विरासत को संग्रहीत करने के लिए इसे भारत को लौटाने में सफल रही और 2020 में यह भारत लौट आई। कानूनी कार्रवाई के चलते यह चित्तौड़गढ़ नहीं पहुंच पा रही थी। अब कानूनी औपचारिकता पूरी होने के बाद इसे पर्यटक संग्रहालय में देख पाएंगे। जिसके लिए सांसद ने बाड़ौली स्थित मंदिर परिसर में म्यूजियम बनाने की मांग भी केन्द्रीय मंत्री से की थी।
बामन नारायण गिरोह ने चुराया था
बताया गया कि दुर्लभ नटराज की इस प्रतिमा को जयपुर के कुख्यात तस्कर बामन नारायण गिरोह ने चुराया था। बामन नारायण गिरोह यह प्रतिमा लंदन के एक निजी म्यूजियम को बेच दी थी। जबकि उन्होंने पुरातत्व विभाग को भ्रमित करने के लिए जंगल में इससे मिलती जुलती नकली प्रतिमा पटक दी थी और पुरातत्व विभाग उसे असली समझकर घटना को भुला चुका था। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चलाए गए आपरेशन ब्लैक होल के दौरान जब बामन नारायण पकड़ा गया, तब उसके पास इस प्रतिमा का फोटो मिला और पूछताछ की तो इसका खुलासा हो पाया।